सीआईआई के सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत

सीआईआई के सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत

नई दिल्ली : अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत हैं। उद्योग मंडल सीआईआई का कारोबार विश्वास सूचकांक (बीसीआई) 2013-14 की अक्तूबर-दिसंबर अवधि में तेजी से बढ़कर 54.9 पर पहुंच गया। इससे पिछली तिमाही में यह 45.7 पर था।

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था से सकारात्मक संकेतों से हमारा निर्यात प्रदर्शन सुधर रहा है और इससे चालू खाते का घाटा (कैड) नीचे जा रहा है। हमारा मानना है कि दूसरी तिमाही में घरेलू अर्थव्यवस्था अपने निचले स्तर से उबर गई और अब रख बदल रहा है।’

हालांकि, बनर्जी ने आगाह किया कि हमें राजकोषीय घाटे के जोखिम के बढ़ने के प्रति सजग रहना होगा। कमजोर आर्थिक वृद्धि की वजह से कर संग्रहण में नरमी रह सकती है और विनिवेश लक्ष्य से भी पीछे रह सकते है।

सीआईआई का कहना है कि विभिन्न क्षेत्रों में सब्सिडी के तय अनुमानों से काफी आगे बढ़ जाने का अंदेशा है। आगामी आम चुनावों को देखते हुये सरकार के खर्च में भी वृद्धि होने का अनुमान है। ऐसे में सर्वेक्षण में शामिल 53 प्रतिशत का मानना है कि इसके बावजूद राजकोषीय घाटा सरकार द्वारा तय 5 प्रतिशत के लक्ष्य के भीतर ही रहेगा।

इसमें कहा गया है कि 42 प्रतिशत का मानना है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 4.5 से 5 प्रतिशत के दायरे में रहेगी जबकि 28 प्रतिशत का मानना है कि यह 5 से 5.5 प्रतिशत के दायरे में रहेगी। 63 प्रतिशत ने कहा कि कैड 3.5 से 5 प्रतिशत के दायरे में रहेगा जबकि केवल 7 प्रतिशत ने कहा कि यह 3.5 प्रतिशत से भी कम रहेगा।

ऊंची मुद्रास्फीति से भी आर्थिक वृद्धि के समक्ष जोखिम बना रहेगा। 41 प्रतिशत ने कहा कि वर्ष के दौरान मुद्रास्फीति 7 प्रतिशत से ऊपर रहेगी। (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 29, 2013, 20:25

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