Last Updated: Friday, May 30, 2014, 23:16
नई दिल्ली : वृहद आर्थिक संकेतकों को ‘निराशाजनक’ करार देते हुए भारतीय उद्योग जगत ने आज उम्मीद जताई कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई में नयी सरकार बनने से अर्थव्यवस्था फिर से तेजी के पथ पर लौटेगी और निवेश में तेजी आएगी।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2013.14 में 4.7 प्रतिशत रही और चौथी तिमाही में यह 4.6 प्रतिशत रही। आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट की मुख्य वजह विनिर्माण एवं खनन क्षेत्र में गिरावट आना है।
फिक्की के अध्यक्ष सिद्धार्थ बिड़ला ने कहा, ‘जैसा कि अनुमान था, विनिर्माण की वृद्धि लगातार निराश करने वाली रही। इस रख में बदलाव लाने की जरूरत है और विनिर्माण के क्षेत्र में तेजी लाने के लिए नीतिगत निर्देश जरूरी है क्योंकि यह रोजगार सृजन के लिए अहम क्षेत्र है।’
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने उम्मीद जताई कि आगे चलकर, निवेश में तेजी आएगी क्योंकि अटकी पड़ी परियोजनाओं को मंजूरी देते ही अर्थव्यवस्था में मांग फिर से जोड़ पकड़ेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, एक स्थायी सरकार बनने से धारणा में सुधार आया है और निवेशकों का भरोसा लौटा है जिससे वृद्धि में तेजी का मार्ग प्रशस्त होगा।
पीएचडी चैंबर के अध्यक्ष शरद जयपुरिया ने कहा, ‘आर्थिक वृद्धि में तेजी बहाल करने के लिए सरकार को सर्वोच्च प्राथमिकता विनिर्माण क्षेत्र में तेजी बहाल करने की होनी चाहिए। विनिर्माण क्षेत्र कई कारकों से प्रभावित है जिसमें महंगा ऋण व कच्चा माल शामिल है।’ एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने कहा, ‘अच्छी बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम चुनौतियों से अच्छी तरह वाकिफ है और ऐसा प्रतीत होता है कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए काम हो रहा है।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, May 30, 2014, 23:16