Last Updated: Thursday, May 15, 2014, 14:33

नई दिल्ली : सब्जी, अन्य खाद्य वस्तुओं एवं ईंधन की कीमतों में गिरावट से अप्रैल माह में थोक मुद्रास्फीति घटकर 5.2 प्रतिशत पर आ गयी। रिजर्व बैंक की अगले माह की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले महंगाई दर नीचे आयी है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च में 5.7 प्रतिशत पर थी। आज जारी जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं के वर्ग की मुद्रास्फीति अप्रैल में 8.64 प्रतिशत रही जो मार्च में 9.9 प्रतिशत थी। प्याज का दाम अप्रैल में 9.76 प्रतिशत घटा। इससे पूर्व माह में इसमें 1.92 प्रतिशत की तेजी आयी थी।
अंडा, मछली तथा मांस की मंहगाई दर 9.7 प्रतिशत पर आ गयी जबकि मार्च में यह 11.9 प्रतिशत थी। हालांकि इस दौरान आलू के भाव में तेजी आयी लेकिन कुल मिला कर सब्जियों के मामले में मुद्रास्फीति अप्रैल में कम होकर 1.34 प्रतिशत रही जो मार्च में 8.57 प्रतिशत थी। अप्रैल में इससे पूर्व माह के मुकाबले फलों के दाम में भी मामूली तेजी आयी।
थोक मूल्य सूचकांक आंकड़ों के अनुसार ईंधन तथा बिजली खंड के साथ चीनी और खाद्य तेल समेत विनिर्मित वस्तुओं के समूह में भी महंगाई दर नरम हुई है। ईंधन तथा बिजली खंड में कीमत स्तर सालाना आधार पर 8.93 प्रतिशत उंचा रहा जबकि मार्च में इस वर्ग की मुद्रास्फीति 11.22 प्रतिशत थी। पिछले दिनों जारी आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर तीन महीने के उच्च स्तर 8.59 प्रतिशत पर आ गयी है।
रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर निर्णय करते समय अन्य आर्थिक संकेतकों समेत मुद्रास्फीति के दोनों आंकड़ों को ध्यान में रखता है। अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये प्रमुख नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की मांग के बीच रिजर्व बैंक की 3 जून को मौद्रिक नीति समीक्षा पर लोगों की निगाह है।
रिजर्व बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति अधिक रहने के कारण अप्रैल में नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो 8 प्रतिशत पर बरकरार रखा। इस बीच, सरकार ने फरवरी के थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़ाकर 5.03 प्रतिशत कर दी है जबकि पूर्व में इसके 4.68 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था। पिछले साल अप्रैल में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति 4.77 प्रतिशत थी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 15, 2014, 14:33