Last Updated: Saturday, October 5, 2013, 13:23
नई दिल्ली : भाकपा नेता गुरुदास दासगुप्ता ने पेट्रोलियम मंत्री एम. वीरप्पा मोइली पर आरोप लगाया है कि वे केजी बेसिन में रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) द्वारा 6000 वर्ग किलोमीटर से अधिक इलाका छोड़ने के मामले में रुकावट खड़ी कर रहे हैं। दासगुप्ता ने कहा है कि सरकार उस क्षेत्र में खोजी गई गैस बेचकर 60000 करोड़ रपये का राजस्व हासिल कर सकती है। उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र भेजा है।
इसमें कहा गया है, `अगर यह क्षेत्र (रिलायंस द्वारा) छोड़ दिया जाता है और इसकी खोज से उत्पादन का काम ओएनजीसी को सौंप दिया जाता है तो सरकार वहां की गैस की गैस ब्रिकी से 60000 करोड़ रपये हासिल कर सकती है।` इस संदर्भ में उन्होंने हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) तथा कैग की दो रपटों का हवाला दिया है जिसमें आरआईएल द्वारा केजी डी6 ब्लाक से इस क्षेत्र को त्यागने की सिफारिश की गई है।
दासगुप्ता ने दावा किया है, `जब यह मामला पेट्रोलियम मंत्री के पास पहुंचा तो उन्होंने सभी अधिकारियों की सिफारिशों के विरद्ध जाते हुए निर्देश दिया कि इस मामले में आरआईएल से परामर्श किया जाना चाहिए। आरआईएल के विचार पहले ही रिकार्ड थे जबकि इस मामले में और परामर्श केवल आरआईएल को राहत देने की मंशा से किया जा रहा है।`
उन्होंने पत्र में इस बात पर खेद जताया है कि एक निजी कंपनी रिलायंस क्षेत्र के नियामक डीजीएच पर धौंस जमा रही है। उन्होंने यह भी कहा है कि इस समय पेट्रोलिमय मंत्री के इशारे पर मौजूदा डीजीए को हटा कर उनकी जगह ऐसे व्यक्ति को लाने की कुटिल चाल चली जा रही है जिसे मनमाफिक चलाया जा सके।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 5, 2013, 13:23