Last Updated: Sunday, February 9, 2014, 19:06
नई दिल्ली : श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से समयबद्ध तरीके से अपने 5 करोड़ अंशधारकों को स्थायी भविष्य निधि खाता संख्या उपलब्ध कराने को कहा है ताकि उन्हें रोजगार बदलने के बाद भविष्य निधि खाता स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं पड़े।
सूत्रों के अनुसार श्रम सचिव गौरी कुमार ने 5 फरवरी को केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की हुई बैठक ईपीएफओ को इस संदर्भ में दिशानिर्देश दिया। सीबीटी संगठन का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है। सूत्र ने कहा, ‘कुमार ने ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त के.के. जालान से बोर्ड की अगली बैठक में इस मामले में हुई प्रगति के बारे में जानकारी देने और यह काम पूरा करने के लिये समयसीमा उपलब्ध कराने को कहा।’ हालांकि अगली बैठक की तिथि अभी तय नहीं है।
स्थायी पीएफ (भविष्य निधि) खाता संख्या से निर्माण जैसे क्षेत्रों में कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी क्योंकि ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां वे ठेकेदारों तथा काम की जगह बार-बार बदलते हैं। श्रम मंत्रालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी कार्ययोजना के अनुसार ईपीएफओ को विशिष्ट कर्मचारी संख्या के लिये प्रणाली तैयार करनी है जो कोर बैंकिंग सेवा की तर्ज पर सुविधाएं दिलाने में मददगार होगी।
परियोजना से संबद्ध एक अधिकारी ने कहा कि 2014-15 में इस प्रकार की सुविधा देना मुश्किल नहीं है क्योंकि ईपीएफओ के 12 फील्ड कार्यालयों का डिजिटलीकरण हो चुका है और इसे केंद्रीय सर्वर से जोड़ जा सकता है। अंशधारकों को स्थायी पीएफ खाता संख्या देने के लिये ईपीएफओ को केंद्रीय सर्वर लगाना होगा जो उसके सभी 123 कार्यालयों से जुड़ेगा। फिलहाल ईपीएफओ अंशधारकों को नौकरी बदलने पर पीएफ खातों को स्थानांतरण के लिये आवेदन देना होता है। उन्हें रोजगार बदलने पर हर बार नया पीएफ खाता संख्या दिया जाता है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 9, 2014, 19:06