योजना आयोग के सदस्यों के साथ 30 को बैठक करेंगे मनमोहन सिंह

योजना आयोग के सदस्यों के साथ 30 को बैठक करेंगे मनमोहन सिंह

योजना आयोग के सदस्यों के साथ 30 को बैठक करेंगे मनमोहन सिंहनई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अगले सप्ताह बुधवार को योजना आयोग के पूर्णकालिक सदस्यों के साथ बैठक करेंगे। हालांकि, इस बैठक को प्रधानमंत्री की विदाई बैठक के तौर पर माना जा रहा है लेकिन इसमें प्रधानमंत्री अर्थव्यवस्था की स्थिति और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों की प्रगति की जानकारी लेंगे।

एक सूत्र ने बताया, प्रधानमंत्री 30 अप्रैल को योजना आयोग में आयोग के सभी पूर्णकालिक सदस्यों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वह मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाने और अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के असर का आकलन करेंगे। मनमोहन, योजना आयोग के अध्यक्ष भी हैं। आयोग के सदस्यों के साथ आखिरी बैठक में यह भी उम्मीद की जा रही है कि वह पिछले 10 साल के दौरान किये गये कार्यों के लिये सदस्यों का धन्यवाद करेंगे।

योजना आयोग के सदस्यों का कार्यकाल भी प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ समाप्त हो जाता है। चुनाव के बाद केन्द्र में नई सरकार के सत्ता संभालने के साथ ही ये सदस्य भी अपने त्यागपत्र दे देंगे। प्रधानमंत्री के साथ होने वाली आयोग की आंतरिक बैठक में उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के साथ साथ अन्य पूर्णकालिक सदस्य --बी.के. चतुर्वेदी, सौमित्र चौधरी, सईदा हमीद, नरेन्द्र जाधव, अभिजीत सेन, मिहिर शाह, के. कस्तूरीरंगन और अरण मैरा। योजना राज्य मंत्री राजीव शुक्ला भी बैठक में उपस्थित होंगे।

प्रधानमंत्री की आयोग के सदस्यों के साथ बैठक का मकसद विभिन्न क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति के बारे में ताजा जानकारी लेकर अर्थव्यवस्था की समूची तस्वीर के बारे में नई सरकार के लिये एक संदेश छोड़ना है। केन्द्र में 16 मई के बाद किसी भी समय नई सरकार बन सकती है। सूत्र ने कहा, आयोग के सभी नियमित सदस्य बैठक में भाग लेंगे और जिन क्षेत्रों को वह देखते रहे हैं उनके बारे में प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण देंगे। अहलुवालिया प्रधानमंत्री को देश में उर्जा क्षेत्र की ताजा स्थिति से अवगत करायेंगे इसके साथ ही देश की व्यापक आर्थिक स्थिति का खाका भी उनके समक्ष रखेंगे।

सितंबर 2008 में लेहमन ब्रदर्स के डूबने के बाद वैश्विक वित्तीय संकट गहराने और बिगड़ती आर्थिक स्थिति की पृष्टभूमि में यह बैठक हो रही है। केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के अग्रिम अनुमानों के अनुसार वर्ष 2013-14 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इससे पिछले वर्ष आर्थिक वृद्धि 4.5 प्रतिशत रही थी।

आर्थिक वृद्धि के अलावा मूल्य स्थिति पर भी गौर किया जायेगा। विशेष तौर पर संप्रग-दो के कार्यकाल में मूल्य स्थिति ज्यादा संतोषजनक नहीं रही। सीएसओ के इस महीने की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च माह में खुदरा मुद्रास्फीति एक महीने पहले के 8.1 प्रतिशत से बढ़कर 8.31 प्रतिशत हो गई। इसी प्रकार आलू, प्याज और फलों के दाम उंचे रहने से थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति भी मार्च में बढ़कर 5.78 प्रतिशत हो गई।

केन्द्र में सत्ता संभालने वाली नई सरकार के लिये औद्योगिक वृद्धि की सुस्त चाल भी चुनौती होगी। फरवरी में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि 1.9 प्रतिशत रही। इससे एक महीना पहले क्षेत्र में की वृद्धि दर 0.1 प्रतिशत रही। पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल से फरवरी के 11 महीनों में औद्योगिक उत्पादन में 0.1 प्रतिशत गिरावट रही। एक साल पहले इसी अवधि में यह 0.9 प्रतिशत रही थी।

(एजेंसी)

First Published: Thursday, April 24, 2014, 18:46

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