Last Updated: Tuesday, March 4, 2014, 16:08
नई दिल्ली : ऐसा लगता है कि मारुति सुजुकी इंडिया और उसके शेयरों में पैसा लगाने वाले म्यूचुअल फंड निवेशकों के बीच गतिरोध बढ़ गया है और वे उसके खिलाफ बाजार नियामक सेबी में अपील करने की योजना बना रहे हैं। कार कंपनी ने उनकी चिंताओं को अभी दूर नहीं कर सकी है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड, रिलायंस म्यूचुअल फंड तथा यूटीआई म्यूचुअल फंड समेत सात म्यूचुअल फंड कंपनियां प्रस्तावित गुजरात परियोजना के लिए मारुति सुजुकी इंडिया लि. (एमएसआईएल) तथा उसकी मूल जापानी कंपनी सुजुकी मोटर कारपोरेशन से फिर से संपर्क कर सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार म्यूचुअल फंड कंपनियां मारुति सुजुकी द्वारा गुजरात कारखाना अपनी मूल कंपनी सुजुकी मोटर को सौंपे जाने के प्रस्तावित सौदे को लेकर एक-दो दिन में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से संपर्क करने की योजना बना रही है।
इन सात फंड हाउस की एमएसआईएल में 3.93 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि 6.93 प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की एलआईसी के पास है। एलआईसी ने भी गुजरात कारखाने के मामले में कुछ स्पष्टीकरण मांगा है।
पिछले महीने जापान की सुजुकी मोटर ने गुजरात में प्रस्तावित कारखाने को अपने नियंत्रण में रखने का निर्णय किया। इसका प्रस्ताव उसकी अनुषंगी एमएसआईएल ने किया है। मूल कंपनी गुजरात में नए कारखाने में अपने पूर्ण नियंत्रण वाली अनुषंगी सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लि. के जरिए निवेश करेगी। यह कारखाना एमएसआईएल के लिए वाहनों का निर्माण करेगा।
म्यूचुअल फंड निवेशक गुजरात इकाई को जापान की मूल कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी इकाई बनाने के सुजुकी के कदम का विरोध कर रही हैं क्योंकि इससे एमएसआईएल विनिर्माण कंपनी से एक वितरण कंपनी बन कर रह जाएगी।
हालांकि सेबी को इस बारे में अभी कोई आवेदन नहीं मिला है लेकिन वह मामले में स्वत: गौर कर रहा है। नए कंपनी संचालन नियमों के तहत संबद्ध पक्षों के बीच लेनदेन के लिए सार्वजनिक शेयरधारकों से मंजूरी जरूरी है लेकिन ये नियम एक अक्तूबर से प्रभाव में आएंगे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 4, 2014, 16:08