Last Updated: Wednesday, November 6, 2013, 18:12

नई दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने वित्त मंत्रालय से ब्रांडेड पेट्रोल तथा डीजल पर शुल्कों में कटौती करने का आग्रह किया है। ब्रांडेड पेट्रोल, डीजल से कंपनियां बेहतर माइलेज की पेशकश और ईंधन खपत में कटौती का दावा करती हैं। महंगा होने की वजह से ब्रांडेड पेट्रोल, डीजल की बिक्री कम हुई है। इस समय वित्त मंत्रालय प्रीमियम या ब्रांडेड पेट्रोल एवं डीजल पर अधिक उत्पाद शुल्क लगाता है जिससे वे सामान्य अथवा गैर ब्रांडेड वाहन ईंधन की तुलना में महंगे हो जाते हैं।
दिल्ली में सामान्य यानी बिना ब्रांड के पेट्रोल की कीमत 72.45 रुपए प्रति लीटर है जबकि ब्रांडेड पेट्रोल की कीमत 81.88 रुपए प्रति लीटर रहती है। इसी तरह दिल्ली में सामान्य डीजल की कीमत 52.54 रुपए प्रति लीटर है तो ब्रांडेड डीजल की कीमत 67.93 रुपए प्रति लीटर पर है।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने ईंधन बचत पर महीने भर चलाया गया अभियान समाप्त होने के अवसर पर जारी बयान में कहा है, नई पीढी के वाहनों की ईंधन क्षमता बढाने के लिए तेल विपणन कंपनियों ने विशेष उत्पाद (ब्रांडेड पेट्रोल व डीजल) पेश किए थे। यह पेशकश वैश्विक रख तथा आटोमोबाइल उद्योग की प्रौद्योगिकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए की गई। वित्त मंत्रालय ने 2009 के बजट में ब्रांडेड ईंधन पर नये शुल्कों की शुरआत की जिससे सामान्य तथा ब्रांडेड ईंधन के बीच अंतर बढ गया। इसके अलावा पिछले साल सितंबर में सरकार ने ब्रांडेड ईंधन पर सब्सिडी देना बंद कर दिया जिससे इनके दाम और बढ़ गये और ब्रिकी घट गई।
सामान्य अथवा गैर-ब्रांडेड डीजल की मौजूदा कीमत 52.54 रुपए प्रति लीटर है जिसमें 9.20 र की सब्सिडी शामिल है। प्रीमियम यानी ब्रांडेड ईंधन की शुरुआत 2002 में हुई थी। वर्ष 2007-08 में 59 लाख किलोलीटर डीजल तथा 34 लाख किलोलीटर पेट्रोल की बिक्री हुई जो कि 2012-13 में घटकर 0.45 किलोलीटर डीजल तथा 0.09 किलोलीटर पेट्रोल रह गई।
बयान के अनुसार मोइली ने वित्त मंत्रालय से आग्रह किया है कि वह ब्रांडेड ईंधन पर लगाए गए शुल्कों की समीक्षा करे ताकि कीमतों में अंतर को कम किया जा सके और ब्रांडेड ईंधन की ब्रिकी सुधारी जा सके। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 6, 2013, 18:11