Last Updated: Monday, November 18, 2013, 16:47

मुंबई : अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने संपत्ति की गुणवत्ता तथा आर्थिक वृद्धि की संभावना को लेकर चिंता का हवाला देते हुए देश के बैंकिंग क्षेत्र के लिए परिदृश्य नकारात्मक रखा है।
मूडीज के इनवेस्टर्स सर्विस ने आज एक नोट में कहा कि नकारात्मक परिदृश्य कमजोर आर्थिक वृद्धि, बैंक की संपत्तियों की गुणवत्ता और खराब होने तथा लाभ में कमी को प्रतिबिंबित करता है। इसका कारण है कि बैंक को वसूल नहीं हो रहे रिणों के एवज में प्रावधान बढ़ाना होगा और वे बढ़ते कोष की लागत को पूरी तरह हस्तांरित करने या ऋण में वृद्धि के जरिये इसकी भरपाई करने में कामयाब नहीं हो पाएंगे।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि आर्थिक वृद्धि एक दशक के न्यूनतम स्तर पर होगी। एजेंसी नवंबर 2011 से भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के परिदृष्य के बारे में अपना दृष्टिकोण नकारात्मक बनाये हुए है। मूडीज ने हाल ही में वित्त वर्ष 2013-14 की वृद्धि के भारत के वृद्धि दर के अनुमान को कम कर 4.5 प्रतिशत कर दिया है। रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि नकारात्मक परिदृश्य मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से संबंधित है जिनकी देश की कुल बैंकिंग गतिविधियों में 70 प्रतिशत से अधिक हिसेदारी है। मूडीज ने यह कहा है कि निजी क्षेत्र की स्थिति इसके ठीक उलट है। इन बैंकों का मार्जिन, आरक्षित कोष तथा पूंजी का स्तर उंचा है।
रेटिंग एजेंसी के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अपने पास पूंजी का पर्याप्त स्तर बनाए रखने के लिये सरकार से पूंजी लेने की जरूरत होगी। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 18, 2013, 16:47