Last Updated: Wednesday, January 15, 2014, 21:59
नयी दिल्ली : आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने आज कहा कि गिरती मुद्रास्फीति के मद्देनजर आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता है।
मायाराम ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मुद्रास्फीति में गिरावट को लेकर सरकार और रिजर्व बैंक दोनों ही उम्मीद लगाये बैठे थे और अब आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता है। हमें ऐसी परिस्थितियां पैदा करनी होंगी जिसमें मुद्रास्फीति कम हो और वृद्धि आगे बढ़े, इसके लिये जो भी करना पड़े उसे किया जाना चाहिये।’
दिसंबर माह में सब्जियों के दाम नीचे आने से थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति घटकर 6.16 प्रतिशत रह गई जिससे कि इस महीने के आखिर में रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में कमी की उम्मीद बढ़ गई है। दिसंबर 2013 में खुदरा मुद्रास्फीति भी घटकर पिछले तीन महीने के निम्न स्तर 9.87 प्रतिशत पर आ गई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंडल आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिये ब्याज दरों में कमी लाने पर जोर देते रहे हैं। नवंबर में औद्योगिक उत्पादन में 2.1 प्रतिशत गिरावट आई है। पिछले छह महीनों में औद्योगिक क्षेत्र का यह सबसे खराब प्रदर्शन रहा है।
रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही की मौद्रिक समीक्षा 28 जनवरी को करेगा। इससे पहले मध्य तिमाही समीक्षा में 18 दिसंबर को रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 7.75 प्रतिशत और सीआरआर 4 प्रतिशत पर पूर्ववत रखा गया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 15, 2014, 21:59