Last Updated: Wednesday, May 14, 2014, 21:58
नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने एक बड़ी पहल के तहत किराया इकरारनामा यानी रेंट डीड व लीज डीड को संपत्ति की सर्किल दरों में लाने का प्रस्ताव किया है। इस कदम से जहां सरकार अधिक राजस्व जुटा पाएगी, वहीं कर अपवंचना को भी रोक पाएगी।
राजस्व विभाग के प्रस्ताव के अनुसार पट्टा करार यानी लीज डीड व किराया करार पर स्टाम्प शुल्क की गणना किसी क्षेत्र की मौजूदा सर्किल दरों के आधार पर की जाएगी और संपत्ति के मूल्य को कम कर दिखाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मंडल आयुक्त धरमपाल ने कहा कि सर्किल दरों उन संपत्तियों पर लागू होंगी जिनके किराया इकरारनामा की अवधि एक साल से अधिक की है।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर मौकों पर स्टाम्प शुल्क बचाने के लिए वास्तविक किराया मूल्य नहीं दिखाया जाता है। हम किसी क्षेत्र की सर्किल दरों के आधार पर किराये वाली संपत्ति पर कर लगाने की योजना बना रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि किराये वाली प्रापर्टी पर सर्किल दरों का 2 से 5 प्रतिशत कर लगाया जा सकता है। इससे खान मार्केट, कनॉट प्लेस व ग्रेटर कैलाश जैसे इलाकों में व्यावसायिक संपत्तियों के किरायों में बढ़ोतरी हो सकती है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 14, 2014, 21:58