Last Updated: Tuesday, May 27, 2014, 22:22

नई दिल्ली : भाजपा की अगुवाई वाली नई सरकार संभवत: विदेशी खुदरा विक्रेताओं को देश में विशाल स्टोर खोलने की अनुमति नहीं देगी। नई वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यह संकेत देते हुए कहा कि बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति से छोटे दुकानदार व किसान प्रभावित हो सकते हैं। सीतारमण (54) ने कहा कि भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील इस मुद्दे पर अपना रख पहले ही स्पष्ट कर दिया है।
सीतारमण ने यहां कहा, फिलहाल पार्टी का रख स्पष्ट है। हमने स्पष्ट किया है कि बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अभी अनुमति देना उचित नहीं है, क्योंकि छोटे व्यापारियों व किसानों का उचित तरीके से सशक्तीकरण नहीं हुआ है। यदि आप बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति देते हैं, तो इससे यह वर्ग बुरी तरह प्रभावित होगा। आज मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद देश की पहली महिला वाणिज्य मंत्री ने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई नीति पर सवालों के जवाब में यह बात कही।
उनकी प्राथमिकताओं के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा कि वह अधिकारियों के साथ बैठकर भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र के अनुरूप कामकाज को आगे बढ़ाने का एजेंडा बनाएंगी। भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता रही सीतारमण सांसद नहीं हैं और उनके लिए छह माह में लोकसभा या राज्यसभा में चुना जाना अनिवार्य है।
भाजपा के घोषणापत्र में कहा गया है कि बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में एफडीआई की अनुमति दी जानी चाहिए, जहां रोजगार व संपत्ति सृजन के लिहाज से यह जरूरी है। पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी थी। लेकिन उसने सिर्फ एक ब्रिटेन की टेस्को के निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय चरणबद्ध तरीके से एफडीआई नीति पर विचार करेगा। सीतारमण ने कहा कि इसके अलावा उनकी एक अन्य शीर्ष प्राथमिकता निर्यात बढ़ाने व रोजगार सृजन की होगी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय सभी देशों के साथ आर्थिक व व्यापारिक रिश्तों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। पिछले तीन साल से भारत का निर्यात 300 अरब डालर के आसपास चल रहा है।
देश का निर्यात 2013-14 में 325 अरब डॉलर के लक्ष्य से कम यानी 312.35 अरब डॉलर रहा। 2012-13 में निर्यात 300.4 अरब डॉलर व 2011-12 में 307 अरब डालर रहा था।
मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद सीतारमण ने मंत्रालय के अधिकारियों वाणिज्य व औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के सचिव के साथ मुलाकात की। सीतारमण को वित्त और कापरेरेट कार्य मंत्रालय में राज्यमंत्री का भी प्रभार मिला है।
इस अतिरिक्त प्रभार के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, यदि इससे क्षमता बढ़ती है विभागों को एक साथ लाने से, उनकी गतिविधियों को जोड़ने से तो यह देश के लिये फायदेमंद है, यह इसलिये नहीं है कि प्लेट भरी है अथवा अधूरी है, यह सेवाओं का लाभ पहुंचाने के लिये क्षमता से जुड़ा मुद्दा है।
First Published: Tuesday, May 27, 2014, 22:22