Last Updated: Friday, December 6, 2013, 09:34

बाली : खाद्य सुरक्षा मुद्दे पर भारत के अपने कड़े रुख पर कायम रहने के साथ डब्ल्यूटीओ ने वार्ता विफल होने से बचाने के लिए गुरुवार रात्रि गहन बातचीत शुरू की।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) प्रमुख ने अमेरिका, भारत और इंडोनेशिया के व्यापार मंत्रियों की एक आपात बैठक बुलाई ताकि खाद्य सुरक्षा मुद्दे को लेकर गतिरोध दूर किया जा सके।
यहां चल रही डब्ल्यूटीओ वार्ता को विफल होने से बचाने के एक अंतिम प्रयास में डब्ल्यूटीओ महानिदेशक राबटरे एजवेदो ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) माइकल फ्रोमैन और इंडोनेशियाई व्यापार मंत्री गीता वीर्यवान की एक आपात बैठक बुलाई।
बाली व्यापार बैठक में आधी रात के बाद तक चली बातचीत में किसी पैकेज पर सहमति नहीं बन सकती थी। भारत अपने रुख पर कायम था। बैठक के बाद निकले शर्मा ने कहा कि यद्यपि यह रोचक समय है पर हम अपने रुख पर कायम हैं। उन्होंने इसके अलावा और बात करने से इंकार कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक, दिन में एजवेदो ने गतिरोध दूर करने के लिए शर्मा के साथ करीब डेढ़ घंटे बैठक की। भारत द्वारा खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर सख्त रुख कायम रखने के मद्देनजर यह बैठक की गई।
सूत्रों ने कहा कि डब्ल्यूटीओ प्रमुख के साथ बैठक के दौरान शर्मा ने खाद्य सुरक्षा, मोहलत के शांति उपबंध के मुद्दे पर भारत के रुख को दोहराया। भारत खाद्य सुरक्षा को लेकर अपने कड़े रुख पर कायम है। सूत्रों ने कहा कि शर्मा ने डब्ल्यूटीओ प्रमुख को सलाह दी कि खाद्य सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को एजेंडा में किसी दूसरे मुद्दे से पहले चर्चा के लिए लिया जाना चाहिए।
शर्मा ने इससे पहले एक खचाखच भरे संवाददाता सम्मेलन में कहा ‘‘कोई खराब समझौता करने से बेहतर होगा कि कोई समझौता ही नही हो। हम यहां बातचीत को असफल करने नहीं आये हैं। भारत बाली में सकारात्मक परिणाम के लिये प्रतिबद्ध है। भारत विशेष तौर से स्टाक रखने और खाद्य सुरक्षा के मामले में संतुलित और उचित परिणाम के लिये प्रतिबद्ध है।’’
अमेरिका और दूसरे विकसित देश भारत को शांति उपबंध स्वीकार करने के लिये कह रहे हैं, जिसमें खाद्य सब्सिडी 10 प्रतिशत से अधिक होने की स्थिति में चार साल तक के लिये जुर्माने से छूट दी गई है, यह प्रावधान डब्ल्यूटीओ के कृषि समझौते के तहत किया गया है।
दूसरी तरफ भारत तथा अन्य विकासशील देशों का कहना है कि चार साल की मोहलत वाला शांति उपलबंध केवल चार साल नहीं बल्कि तब तक जारी रहना चाहिये जब तक खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम को निर्बाध रूप से जारी रखने के लिये कोई स्थायी समाधान नहीं निकल आता है। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 6, 2013, 09:34