Last Updated: Tuesday, April 1, 2014, 21:14
नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने आयकर छूट सीमा को बढाकर तीन लाख रुपए करने तथा अन्य स्लैब को समायोजित करने के स्थायी संसदीय समिति के सुझाव को खारिज कर दिया। मंत्रालय का कहना है कि इससे सरकारी खजाने को 60,000 करोड़ रुपए का सालाना नुकसान होगा।
मंत्रालय ने हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर छूट की आयु सीमा को 65 साल से घटाकर 60 साल करने का फैसला किया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली समिति ने तीन लाख रुपए सालाना तक की आय पर कोई आयकर नहीं लगाने का सुझाव दिया था। इसके अलावा उसने 3-10 लाख रुपए की आय पर 10 प्रतिशत, 10-20 लाख रुपए की आय पर 20 प्रतिशत तथा 20 लाख रुपए से अधिक सालाना आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का सुझाव दिया था।
मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी प्रस्तावित प्रत्यक्ष कर संहिता-2013 में कहा है, `ये सुझाव स्वीकार्य नहीं हैं क्योंकि इससे राजस्व का भारी नुकसान होगा। व्यक्तिगत आयकर स्लैब में प्रस्तावित बदलावों तथा उपकर को समाप्त करने से कुल मिलाकर लगभग 60,000 करोड़ रुपए का नुकसान होगा।` वित्त मंत्रालय ने कहा है कि समिति के सुझाव उसकी कराधान नीति के `अनुकूल` नहीं हैं इसलिए उन्हें संशोधित संहिता में शामिल नहीं किया गया है।
फिलहाल दो लाख रुपए सालना आय पर कोई कर नहीं है, 2-5 लाख रुपए सालाना आय पर 10 प्रतिशत, 5 से 10 लाख पर 20 प्रतिशत तथा 10 लाख रुपए से अधिक सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगता है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 1, 2014, 21:14