Last Updated: Thursday, May 22, 2014, 16:40
नई दिल्ली : पूर्व बिजली मंत्री एवं शिव सेना के नेता सुरेश प्रभु ने कहा है कि कोयला उत्पादन में सुधार के लिए कोल इंडिया का फिलहाल निजीकरण करने की जरूरत नहीं है। यद्यपि उत्खनन के लिए निजी कंपनियों से बोलियां आमंत्रित की जा सकती हैं।
प्रभु ने बताया, ‘कोल इंडिया का फिलहाल निजीकरण करने की जरूरत नहीं है। उत्पादन सुधारने के लिए कोयले का स्वामित्व हस्तांतरित नहीं किया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि देश की संपत्तियों के निजीकरण को कोल इंडिया की ओर से कम कोयला उत्पादन की समस्या के तत्काल समाधान के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
‘राष्ट्रीय संपत्तियों के निजीकरण में राजनीतिक जोखिम है।’ प्रभु ने कहा कि कोल इंडिया कोयले के उत्खनन के लिए निजी बिजली कंपनियों से बोलियां आमंत्रित कर सकती है। ‘इस तरह से खानों और खानों से निकाले गए कोयले का स्वामित्व सरकार के पास रहेगा और बिना सरकारी निवेश के उत्पादन बढ़ेगा।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 22, 2014, 16:40