एचजेडएल, बाल्को हिस्सेदारी ब्रिकी में वेदांता को वरीयता नहीं : मायाराम

एचजेडएल, बाल्को हिस्सेदारी ब्रिकी में वेदांता को वरीयता नहीं : मायाराम

नई दिल्ली : सरकार हिंदुस्तान जिंक (एचजेडएल) तथा बाल्को में अपनी बाकी हिस्सेदारी की नीलामी में वेदांता ग्रुप को किसी तरह की वरीयता नहीं देगी। इस समय इन दोनों कंपनियों पर वेदांता ग्रुप का ही नियंत्रण है।

आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने कहा कि एचजेडएल व बाल्को में सरकार की बाकी बची हिस्सेदारी बेचने में कोई कानूनी बाधा नहीं है। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों में सरकारी शेयरों की नीलामी में बहुलांश हिस्सेदार वेदांता ग्रुप को किसी अन्य बोलीदाता की तरह भाग लेने की छूट होगी।

उन्होंने कहा, `हमने स्पष्ट सिफारिश की है कि वेदांता को किसी तरह का `पुट एंड कॉल` विकल्प नहीं दिया जाना चाहिए। इसकी नीलामी ही होनी चाहिए। वेदांता को पहले इनकार का कोई अधिकार नहीं होगा, लेकिन उन्हें नीलामी में भाग लेने का अधिकार होगा।

उन्होंने कहा, इसलिए जो भी ऊंची बोली लगाएगा वह सरकारी हिस्सा खरीद सकेगा भले ही वह बहुलांश हिस्सेदारी रखने वाली मालिक कंपनी या कोई और हो। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार की हिस्सेदारी ब्रिकी में कोई कानूनी बाधा नहीं है और हमें पूरा भरोसा है कि विनिवेश 31 मार्च से पहले हो जाएगा। (एजेंसी)

First Published: Sunday, January 12, 2014, 17:46

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