Last Updated: Tuesday, April 15, 2014, 11:56
वाशिंगटन : भारतीय पेटेंट और फार्मा कानूनों को विश्व व्यापार संगठन :डब्ल्यूटीओ: के दायरे में करार देते हुए एक शीर्ष अमेरिकी गैर-मुनाफा उपभोक्ता अधिकार समर्थक समूह ‘पब्लिक सिटिजन’ ने कहा कि भारतीय फार्मा कानूनों को भेद-भावपूर्ण नहीं करार दिया जाना चाहिए। समूह ने अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार आयोग (यूएसएआईटीसी) से कहा कि भारतीय कानून विश्व व्यापार संगठन के बौद्धिक संपदा अधिकार (ट्रिप्स) की जानकारियों की सुरक्षा संबंधी अनिवार्यताओं का पूरा करते हैं। यूएसआईटीसी फिलहाल अमेरिका सांसदों के अनुरोध पर ‘‘भारत की व्यापार निवेश और औद्योगिक नीतियां: अमेरिका अर्थव्यवस्था पर असर’’ मामले की जांच कर रही है।
पब्लिक सिटिजन ने कहा ‘‘दवा एवं कास्मेटिक अधिनियम, 1940, में दवा नियंत्रक कार्यायलय के अधिकारी के पास आई सूचना के खुलासे पर तब तक प्रतिबंध है जब तक यह इसका उद्देश्य आधिकारिक कारोबार न हो, अदालती कार्रवाई न हो या फिर वरिष्ट अधिकारी की स्वीकृति के साथ नए कानून को विपणन की मंजूरी के लिए जांच के आंकड़े की जरूरत न हो।’’ समूह ने कहा कि इस अधिनियम के तहत सरकार पहले आवेदक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों पर भरोसा कर सकती है ताकि इसकी तरह के उत्पादों के दूसरे या बाद के आवेदकों के आंकड़ां का आकलन किया जा सके। समूह के मुताबिक यह जानकारी की सुरक्षा करना है और ट्रिप्स के नियमों के अनुरूप है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 15, 2014, 11:56