अब लग जाएगी हर किस्म के पान मसाला पर रोक

अब लग जाएगी हर किस्म के पान मसाला पर रोक

नई दिल्ली : केन्द्र सरकार ने देश में हर किस्म के गुटखा पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन करते हुये मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से इस संबंध में उचित आदेश पारित करने का अनुरोध किया। केन्द्र का कहना था कि इसमें तंबाकू नहीं होने के बावजूद यह लत लगाने वाले और हानिकारक है।

न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष अतिरिक्त सालिसीटर जनरल इंदिरा जयसिंह ने गुटखा उत्पादों के उत्पादन और बिक्री के खिलाफ दलीलें दीं।

इस मामले में न्यायालय की मदद कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमणियम ने भी केन्द्र सरकार के दृष्टिकोण का समर्थन किया और कहा कि पान मसाला और तंबाकू अलग-अलग बेच कर कंपनियां कानूनों का मजाक बना रही हैं क्योंकि वे तंबाकू के साथ गुटका का निर्माण नहीं कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इस समय देश की 35 फीसदी वयस्क आबादी को तंबाकू के र्दुव्यससन से ग्रस्त है और यह देश के लिये एक बड़ी समस्या है।

इससे पहले, केन्द्र ने कहा कि तंबाकू उत्पादों के कारण होने वाली बीमारियों के नियंत्रण पर सरकार द्वारा खर्च की जाने वाली राशि तंबाकू उत्पादों से मिलने वाले राजस्व से कहीं अधिक है। केन्द्र सरकार का तर्क था, ‘‘गुटका का उत्पादन और बिक्री रोकना महत्वपूर्ण है। हर किस्म का पान मसाला और गुटखा में लत लगाने वाला पदार्थ होता है जिसे जीवनशैली और जरूरी उत्पाद के रूप में पेश किया जा रहा है। इसे माउथ फ्रेशनर के रूप में बेचा जा रहा है। इसकी जिम्मेदार उद्योग पर है और उन्हें इसका उत्पादन बंद करना होगा।’’

शीर्ष अदालत ने तीन अप्रैल को सभी राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों से गुटखा उत्पादों पर प्रतिबंध पर अमल के बारे में रिपोर्ट मांगी थी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 22, 2013, 19:33

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