Last Updated: Thursday, October 10, 2013, 22:08
मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएलः घोटाला एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि इससे अनेक लोग प्रभावित हुए। इस बीच एनएसईएल द्वारा निपटान प्रक्रिया में कथित गड़बड़ी की जांच की मांग भी उठी है।
वहीं सीबीआई ने संकेत दिया है कि वह एनएसईएल में कथित अनियमितताओं तथा ग्राहकों को चूना लगाने के मामले की अपनी जांच (पीई) को बंद कर सकती है ताकि जांच की बहुतायत से बचा जा सके।
बंबई उच्च न्यायालय ने इस घोटाले पर टिप्पणी करते हुए उपभोक्ता मामले, वित्त मंत्रालय तथा वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) को इस मामले में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर हलफनामे के साथ जवाब मांगा है।
निवेशक शिकायत मंच के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका में उच्च न्यायालय से मामले की सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी द्वारा जांच कराये जाने का आदेश देने का आग्रह किया गया है। इसके अनुसार एनएसईएल अपने करीब छोटे 17,000 निवेशकों का भुगतान नहीं कर रहा है।
अदालत ने पिछली सुनवाई में केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, एनएसईएल और इसके प्रवर्तक जिग्नेश शाह सहित सभी को अपने जवाबी हलफनामे दायरे करने को कहा था। बहरहाल, आज जब यह मामला न्यायमूति एस.जे. वाजिफदार की पीठ के समक्ष आया तो प्रतिवादियों ने हलफनामे दायरे करने के लिये और समय की मांग की।
अदालत ने इससे नाराज होकर कहा कि यह गंभीर मामला है। इससे कई लोग प्रभावित हुये हैं। इसलिये 21 अक्तूबर तक हलफनामा दायर कर दिया जाना चाहिये। न्यायालय ने कहा कि प्रतिवादी को यह आखिरी मौका दिया जा रहा है इसके बाद कोई समय नहीं दिया जायेगा। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 10, 2013, 22:08