टमाटर 1 रुपए किलो बिका, अब खीरा 2 रुपए किलो

टमाटर 1 रुपए किलो बिका, अब खीरा 2 रुपए किलो

जींद : सब्जी मंडी में बेकद्री के मामले में टमाटर के बाद अब खीरे की बारी है। पहले मंडी में टमाटर एक रुपया किलो के भाव बिका तो अब खीरा 2 रुपये किलो के थोक भाव में बिक रहा है। हालांकि, यही खीरा ग्राहकों को 10 से 15 रुपये किलो में मिल रहा है। ऐसे में नुकसान किसान और उपभोक्ता को हो रहा है जबकि बिचौलियों की पौ बारह हो रही है।

जींद की नई सब्जी मंडी में हर रोज लगभग 35 क्विंटल खीरे के आवक हो रही है। यह खीरा जींद व आसपास के जिलों के किसानों का है। इसमें देशी खीरा सबसे ज्यादा आ रहा है। इसकी आवक कुल आवक का लगभग 90 प्रतिशत है और यही कारण है कि मंडी में देशी खीरे का भाव लगभग 2 रुपये प्रति किलो है। हालांकि दो दिन पहले मंडी में एक रुपया किलो का भाव भी आ गया था।

सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान जगत सिंह सैनी के अनुसार इस समय मंडी में खीरे की आवक बहुत ज्यादा है। जरूरत से ज्यादा खीरा मंडी में आ रहा है तो इसके भाव भी सिर के बल गिरे हैं। उन्होंने कहा, यूं तो हर साल खीरे के भाव गिरते हैं लेकिन इस साल भाव कुछ ज्यादा ही गिरा है। मंडी कारोबारियों के अनुसार देशी खीरा थोक में भले ही 2 से ढ़ाई रुपये प्रति किलो के भाव पिट रहा हो लेकिन जब यही खीरा मंडी के मासाखोरों के पास पहुंचता है और इसे आगे ग्राहक खरीदता है तो इसमें जमीन-आसमान का अंतर आ जाता है। शुक्रवार को मंडी में यही देशी खीरा 10 रुपये प्रति किलो के भाव बिका जबकि रेहड़ी पर खीरा 15 रुपये किलो के भाव बिक गया।

मंडी में खीरा लेकर आए किसान देशराज के अनुसार खीरे की तुड़वाई और इसे ट्रैक्टर से मंडी पहुंचाने का खर्च जोड़ा जाए तो 2 रुपये किलो में उसका यह खर्च भी पूरा नहीं हो पाता है जबकि खीरे खेती पर काफी लागत आ जाती है। किसानों ने खीरे की खेती की तो मुनाफे के लिए लेकिन उसके लिए सह घाटे का सौदा बन गई है।

(एजेंसी)

First Published: Saturday, June 7, 2014, 21:06

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