Last Updated: Monday, April 14, 2014, 19:35

हैदराबाद : सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी यदि केजी बेसिन क्षेत्र में गैस प्रसंस्करण के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्वामित्व वाली ढांचागत सुविधाओं का उपयोग करती है तो उसे 80 करोड़ डॉलर की बचत हो सकती है। यह बात एकर साल्यूशंस की मसौदा रपट में कही गई।
इस घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि ओएनजीसी द्वारा पूर्वी तटीय क्षेत्र में रिलायंस की बुनियादी ढांचा सुविधाओं के साझा उपयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए नियुक्त नार्वे की कंपनी एकर साल्यूशंस अगले महीने अपनी रपट सौंपे सकती है।
सूत्र ने बताया ‘‘ओएनजीसी को इससे पूंजीलागत में 70 से 80 करोड़ डॉलर का लाभ होगा। ओएनजीसी अपने केजी-बेसिन क्षेत्रों से उत्पादित गैस का रिलायंस इंडस्ट्रीज की पहले से स्थापित सुविधाओं में प्रसंस्करण करेगी, बदले में रिलायंस को प्रसंस्करण शुल्क मिलेगा।’’ एकर की रपट मसौदे से वाकिफ एक सूत्र ने कहा ‘‘इस तरह यदि ओएनजीसी एकर की रपट पर अमल करती है तो बुनियादी ढांचे को साझा करने से दोनों कंपनियों को फायदा होगा।’’ पिछले साल जुलाई में ओएनजीसी ने पूर्वी तट पर रिलायंस की इकाई को साझा करने से जुड़ी संभावनाएं तलाशने के संबंध में समझौते पर हस्ताक्षर किया था।
इधर, ओएनजीसी के कार्यकारी निदेशक (परिसंपत्ति प्रबंधक - पूर्वी अपतटीय परिसंपत्ति) अशोक वर्मा ने इस बात की पुष्टि की कि नार्वे की कंपनी ने रपट का मसौदा सौंप दिया है। वर्मा ने रपट में दी गई जानकारी का ब्यौरा दिए बिना कहा ‘‘कंपनी ने रपट का मसौदा सौंपा है और हमने कुछ स्पष्टीकरण मांगे हैं। कंपनी इन्हें शामिल करेगी और अंतिम रपट सौंपेगी।’’ (एजेंसी)
First Published: Monday, April 14, 2014, 19:35