Last Updated: Tuesday, April 22, 2014, 19:50
नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोयला खान आवंटन घोटाले में पूर्व कोयला सचिव पी सी पारख को 25 अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया है। पारख पर हिंडाल्को को ओड़िशा में कोयला ब्लाक आवंटन में अपने पद के दुरुपयोग का आरोप है। हिंडाल्को आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी है।
पारख (69) ने अपनी पुस्तक में सीबीआई विशेषरूप से उसके निदेशक रंजीत सिन्हा की उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कड़ी आलोचना की है। आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि पारख को शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इस दौरान उनसे संभवत: जांच समिति के फैसले को बदलने के बारे में पूछा जाएगा।
जांच समिति ने तालाबिरा-दो कोयला ब्लाक का आवंटन सार्वजनिक उपक्रम नेवेली लिग्नाइट को किया था। लेकिन बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला के आग्रह के बाद इस पर पुनर्विचार को कहने के बाद उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया था।
सीबीआई ने पिछले साल पारख व बिड़ला के अलावा हिंडाल्को व कोयला मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दायर किया है। जांच एजेंसी का आरोप है कि 2005 के दौरान इन लोगों तथा पारख ने आपराधिक साजिश कर तालाबिरा दो व तालाबिरा तीन कोयला ब्लाकों के आवंटन में ओड़िशा के उद्योग को अनुचित लाभ पहुंचाया।
प्राथमिकी के तहत नेवेली लिग्नाइट को तालाबिरा दो ब्लाक दिया गया था, लेकिन पारख ने कथित तौर पर हिंडाल्को का पक्ष लिया और उसे नेवेली के साथ ब्लाक में भागीदारी की अनुमति दी, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ। इस मामले में पीएमओ तथा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को क्लीन चिट देते हुए पारख ने अपनी किताब में कहा है कि यह फैसला व्यापक राष्ट्र हित में लिया गया था।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 22, 2014, 19:50