Last Updated: Friday, November 15, 2013, 17:20
नई दिल्ली : भारत के लिए सबसे तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) के दर्जें की वकालत करते हुए पाकिस्तानी कारोबारी समुदाय ने शुक्रवार को कहा कि द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के लिए एक उदार वीजा व्यवस्था सहित हर प्रयास शुरू किए जाने चाहिए।
फेडरेशन आफ पाकिस्तान चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष जुबैर अहमद मलिक ने कहा कि भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नकारात्मक सूची को छांटने की भी जरूरत है।
मलिक ने यहां फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘भारत को एमएफएन का दर्जा अवश्य दिया जाना चाहिए। हम अपनी सरकार से यह अनुरोध कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच व्यापार फले-फूले और यह तभी हो सकता है जब लोग निर्बाध गति से आवाजाही कर सकें जिसके लिए दोनों देशों की सरकारों को वीजा व्यवस्था उदार करना चाहिए।’’
मलिक पाकिस्तान के व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल लेकर भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में हिस्सा लेने यहां आए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने पड़ोसियों को भूल जाते हैं ब्राजील व चीन के साथ व्यापार बढ़ाने की सोचते हैं। हमें लीक से हटकर सोचना होगा और पाबंदियों में ढील देनी होगी।’’
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान व्यापार के लिए नकारात्मक सूची की व्यवस्था समाप्त करने एवं भारत को एमएफएन का दर्जा देने की 31 दिसंबर, 2012 की समय सीमा पहले ही चूक गया है।
भारत 1996 में ही पाकिस्तान को सबसे तरजीही राष्ट्र दे चुका है। पाकिस्तान उच्चायोग में व्यापार मंत्री नईम अनवर ने कहा कि फार्मास्युटिकल जैसे कुछ क्षेत्रों द्वारा चिंता व्यक्त किए जाने की वजह से भारत को एमएफएन का दर्जा देने की समय सीमा से चूक हुई है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने उन क्षेत्रों के साथ परामर्श की प्रक्रिया पूरी कर ली है और उम्मीद है कि इस मामले में जल्द ही फिर से बातचीत शुरू होगी। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 15, 2013, 17:20