Last Updated: Saturday, January 18, 2014, 20:35
नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच सर्वाधिक वरीयता प्राप्त देश (एमएफएन) की व्यवस्था की बजाय एक गैर-विभेदकारी बाजार प्रदेश (एनडीएमए) कार्यक्रम पर आज सहमति बनी। इसके अलावा दोनों पड़ोसियों ने वाघा-अटारी सीमा मार्ग को व्यापार के लिए चौबीसों घंटे खोले रखने पर भी हामी भरी है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान के साथ यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘व्यापार प्रक्रिया के सामान्यीकरण, उदारीकरण और व्यापार के लिए सुविधा प्रदान करने तथा सहमति वाले उपायों को फरवरी 2014 के समाप्त होने से पहले लागू करने का निर्णय हुआ है।’
शर्मा ने कहा, ‘इसके लिए हमने वाघा-अटारी सीमा को 24 घंटे खोलने की सहमति जताई है। हम वाघा-अटारी मार्ग से एक दूसरे के कंटेनरों को अमृतसर और लाहौर के कंटेनर टर्मिनल तक आने जाने की अनुमति देंगे।’ पाक वाणिज्य खान ने कहा ‘इससे हमारे व्यापार में सहूलियत होगी।’
उन्होंने कहा कि इस मामले में जरूरी उपाय करने के लिए भारत और पाकिस्तान इसके लिए सीमाशुक्ल, रेलवे, बैंकिंग, मानक संगठन और ऊर्जा विभागों के प्रतिनिधियों के तकनीकी तकनीकी कार्य समूह की बैठकें आयोजित करेंगे। इनमें उपायों को कारगर तरीके से लागू करने के लिए तौर तरीके निकाले जाएंगे।
करीब 16 महीने के अंतराल के बाद हुई मंत्रीस्तरीय बैठक में वीजा नियमों में ढील देने और पारस्परिक तौर पर बैंकों के प्रवेश में मदद करने के संबंध में विचार किया गया। शर्मा ने कहा, ‘द्विपक्षीय स्तर पर हमने कहा कि हम बहु प्रवेशीय वीजा जारी करने के लिए जरूरी उपाय करेंगे। इसे इस मामले में दोनों देशों के व्यवसाय जगत नेताओं के बीच पूर्व में बनी सहमति के अनुसार करने का विचार है। दोनों देशों के व्यवसायी एक दूसरे के साथ संबंध बढ़ाना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के केंद्रीय बैंक वार्ता कर रहे हैं। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच सैद्धांतिक तौर पर यह सहमति बनी है कि वे संबंधित सरकारों द्वारा नामित एक दूसरे के बैंकों को अपने यहां कारोबार का लाइसेंस जारी करेंगे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 18, 2014, 20:35