Last Updated: Friday, October 25, 2013, 16:55
नई दिल्ली : पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख ने ओडिशा में हिंडाल्को को कोयला खान आवंटन के आवेदन को खारिज करने के अपने पहले के फैसले को पलटते समय फाइल नोटिंग में किसी खास ‘सार्वजनिक हित’ का उल्लेख नहीं किया।
सीबीआई सूत्रों ने कहा है कि 25वीं जांच समिति की बैठक में हिंडाल्को का आवेदन खारिज करने से लेकर बाद में कंपनी को कोल ब्लॉक देने के बीच जो बदलाव हुआ वह यह कि इस दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से पारेख को दो पत्र भेजे गये और इसके अलावा इस दौरान पारेख की आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला के साथ व्यक्तिगत मुलाकात हुई।
सूत्रों ने कहा कि हालांकि, पारेख ने यह स्पष्टीकरण दिया है कि उन्होंने फैसला ‘व्यापक जनहित’ में पलटा था, लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया कि ऐसा क्या था जो उन्हें अपना फैसला बदलना पड़ा या फिर ऐसी कौन सी वजह थी जो पहले उन्होंने आवेदन को खारिज किया। बार-बार फोन करने और संदेश भेजे जाने के बावजूद पारेख ने सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।
सूत्रों ने कहा कि सीबीआई ओडिशा सरकार के उस अधिकारी से विस्तृत पूछताछ करेगी जिसके पास हिंडाल्को से जुड़ी फाइलें थी। अधिकारी से कंपनी को इस तरह के समर्थन की वजह पूछी जाएगी। जांच से जुड़े अधिकारियों ने प्राथमिकी दर्ज करने को उचित ठहराते हुए कहा कि उन्होंने यह एफआईआर उपलब्ध तथ्यों के आधार पर दायर की है।
First Published: Friday, October 25, 2013, 16:55