Last Updated: Wednesday, March 26, 2014, 18:25
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय को जमानत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपनी सहमति दे दी है लेकिन इसके एवज में शीर्ष कोर्ट ने शर्त भी लगा दी है।
सहारा समूह को अपने प्रमुख सुब्रत राय व फर्म के दो निदेशकों को अंतरिम जमानत पर छुड़वाने के लिए 10,000 करोड़ रुपये देने पड़ेंगे। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को यह आदेश दिया। राय और उनके दोनों सहयोगी 4 मार्च से जेल में बंद हैं।
न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन व न्यायमूर्ति जे एस खेहर की पीठ ने कहा कि अंतरिम जमानत तभी मिलेगी जब कंपनी इन शर्तों को पूरा करेगी। इस बीच न्यायालय ने कंपनी के बैंक खातों से रोक हटाने की सहमति दी, ताकि वह पैसा जुटा सके। पीठ ने कहा कि हम अवमाननाकर्ताओं (राय और दो निदेशकों) को अंतरिम जमानत पर छोड़ने की अनुमति देना चाहते हैं जो हमारे 4 मार्च के आदेश पर निरद्ध किए गए हैं बशर्ते वे 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेंगे जिसमें से 5,000 करोड़ रुपये की अदालत के पास जमा करानी होगी और शेष राशि के लिए किसी राष्ट्रीयकृत बैंक की ओर से सेबी के पक्ष में बैंक गारंटी देनी होगी, जिसे अदालत के पास जमा कराना होगा।
पीठ ने कहा कि इसका अनुपालन करने के साथ अवमाननाकर्ताओं को रिहा कर दिया जाएगा और जमा की गयी राशि सेबी को जारी कर दी जाएगी। राय (65) समूह के दो निदेशकों रवि शंकर दुबे व अशोक राय चौधरी के साथ 4 मार्च से न्यायिक हिरासत में हैं। निवेशकों का 20,000 करोड़ रुपये सेबी के पास जमा कराने के शीर्ष अदालत के आदेश का पालन नहीं करने की वजह से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
पीठ ने कहा कि वह अंतरिम जमानत स्वीकार करने को केवल इस लिए तैयार है ताकि सुब्रत राय को सेबी के पास जमा कराने के लिए पैसा जुटाने का मौका मिल सके। न्यायालय ने कहा कि हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमने यह आदेश इसलिए दिया है ताकि अवमाननाकर्ता शेष राशि जुटा सके और अदालत के ऊपर वर्णित आदेश का पालन कर सकें। सहारा के वकील ने इसके बाद न्यायालय से बैंक खातों से रोक हटाने का आग्रह किया ताकि पैसा जुटाया जा सके, जिसे पीठ ने स्वीकार कर लिया।
पीठ ने कहा कि समूह बैंक खातों का कल ब्योरा प्रस्तुत करे उसके बाद उस पर वह आदेश जारी करेगा। पीठ ने अपने आदेश में यह भी कहा कि समूह द्वारा रखा गया नया प्रस्ताव न्यायालय के पूर्व के आदेश के अनुसार नहीं है। अदालत ने इस पर सेबी से जवाब मांगा है। सेबी ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह समुचित प्रस्ताव नहीं है। समूह ने कल अपने प्रस्ताव में शीर्ष अदालत को भरोसा दिलाया कि वह अगले तीन कार्यदिवसों में 2,500 करोड़ रुपये की राशि जमा करा देगा। इसके अलावा वह 3,500 करोड़ रपये की तीन किस्तें जून के अंत, सितंबर व दिसंबर में जमा कराएा। शेष 7,000 करोड़ रपये 31 मार्च, 2015 तक जमा कराए जाएंगे। (एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published: Wednesday, March 26, 2014, 14:30