Last Updated: Saturday, October 19, 2013, 20:58
हैदराबाद/ नई दिल्ली : पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख ने सेवानिवृत्ति के बाद तीन निजी कंपनियों के लिए काम किया था जिसमें से एक कंपनी कोयला ब्लॉक हासिल करने के मामले में जांच के दायरे में है।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हिन्डाल्को को कोयला खान आवंटन मामले में पी.सी. पारेख के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
कंपनी मामलों के मंत्रालय के पास उपलब्ध सूचना के मुताबिक, दिसंबर, 2005 में सेवानिवृत्त हुए पारेख 26 फरवरी, 2007 को नवभारत पॉवर प्राइवेट लिमिटेड में बतौर निदेशक शामिल हुए। उन्होंने 15 जनवरी, 2008 को कंपनी छोड़ दी।
पारेख 7 मार्च, 2007 से 15 जनवरी, 2008 तक वीजा पावर लिमिटेड में निदेशक थे और 7 मार्च, 2007 से टाटा स्पांज आयरन के साथ जुड़े रहे।
एक कोयला ब्लॉक आबंटित होने के बाद नवभारत ने कंपनी की हिस्सेदारी 2010 में एस्सार को बेच दी और अब वह सीबीआई जांच के दायरे में है। वीजा पावर ने भी एक कोयला ब्लाक के लिए आवेदन किया था।
पारेख ने बताया, ‘‘कंपनी (नवभारत पावर) को कोयला ब्लाक आबंटन का मेरे निदेशक होने से कोई लेना देना नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा इन कंपनियों को कोयला ब्लाक आबंटन से कोई लेनादेना नहीं है। यदि सीबीआई के पास कोई सूचना है तो उन्हें जांच कार्यवाही करने दीजिए और आरोप पत्र दाखिल करने दीजिए।’’
इन कंपनियों में उनके कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर पारेख ने कहा, ‘‘मेरे कार्यकाल के दौरान आबंटन नहीं किए गए और जिस अवधि में मैं इन कंपनियों के साथ था, मुझे उनके आवेदन एवं उनके आबंटन तक के बारे में जानकारी नहीं थी।’’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 19, 2013, 20:58