Last Updated: Friday, February 28, 2014, 20:42
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : तेल कंपनियों ने शुक्रवार को एक बार फिर से पेट्रोल के दाम 60 पैसे और डीजल के दाम 50 पैसे प्रति लीटर बढ़ाने की घोषणा की। नई दरें आज मध्यरात्रि से लागू होंगी।
वर्ष 2014 में पेट्रोल के कीमतों में यह दूसरी वृद्धि है जबकि डीजल में जनवरी 2013 के बाद से हर माह की जानी वाली यह 14वीं वृद्धि है। इस वृद्धि में राज्यों में लगने वाला वैट शामिल नहीं है। वास्तविक वृद्धि विभिन्न राज्यों में वैट के अनुरूप इससे अधिक हो सकती है।
दिल्ली में पेट्रोल के दाम वैट सहित 73 पैसे बढ़कर 73.16 रुपये लीटर होंगे, जबकि मुंबई में इसका दाम 81.31 रुपये से बढ़कर 82.07 रुपये प्रति लीटर हो जायेगा। दिल्ली में डीजल का दाम वैट सहित 57 पैसे बढ़कर 55.48 रुपये लीटर हो गया। मुंबई में डीजल 63.23 रुपये से बढ़कर 63.86 रुपये लीटर होगा।
पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ाने की घोषणा करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने और डालर के मुकाबले रुपया कमजोर रहने से आयात महंगा हो गया।
डीजल के दाम में 50 पैसे की वृद्धि सरकार के जनवरी 2013 में लिये गये निर्णय के अनुरूप की गई। सरकार ने तब फैसला किया था कि डीजल के दाम जब तक उसके बाजार मूल्य के बराबर नहीं हो जाते हैं तब तक उसमें धीरे-धीरे वृद्धि होनी चाहिए।
इंडियन ऑयल ने कहा है कि जनवरी 2013 के बाद से अब तक 14 बार डीजल के दाम बढ़ाने के बाद भी कंपनियों को डीजल पर 8.37 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। इस दौरान डीजल में कुल मिलाकर 8.33 रुपये लीटर की वृद्धि हो चुकी है। डीजल के अलावा कंपनियों को मिट्टी तेल पर 36.34 रुपये लीटर और घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर पर 605.50 रुपये प्रति सिलेंडर का नुकसान हो रहा है।
इंडियन ऑयल ने कहा है कि 4 जनवरी को पेट्रोल के दाम 75 पैसे बढ़ाये गये थे। उसके बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल का दाम 116.04 डालर से बढ़कर 118.10 डालर प्रति बैरल हो गया। डालर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 62.02 रुपये से गिरकर 62.12 रुपये पर आ गई। इन दोनों का असर पेट्रोल के दाम में 0.60 रुपये लीटर की वृद्धि के रूप में सामने आया है।
इंडियन ऑयल ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष (2013-14) में उसकी कुल कम वसूली 74,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। सभी तेल कंपनियों को वर्ष के दौरान 1,43,000 करोड़ रुपये का घाटा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published: Friday, February 28, 2014, 20:42