भारत की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में चीनी निवेश चाहते हैं मनमोहन

भारत की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में चीनी निवेश चाहते हैं मनमोहन

भारत की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में चीनी निवेश चाहते हैं मनमोहनबीजिंग : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देश के विनिर्माण तथा बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में चीन से निवेश चाहते हैं। उन्होंने चीन से भारतीय आईटी तथा फार्मास्युटिकल्स कंपनियों के भारतीय बाजार में पहुंच उपलब्ध कराने को कहा है। सिंह का यहां कम्युनिस्ट पार्टी के सेंट्रल स्कूल में शानदार स्वागत किया गया।

समारोह में पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दोनों देशों के लिए साथ मिलकर काम करने के काफी मौके हैं। चीन ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र में काफी क्षमता का विकास किया है। ऐसे में वह भारत को बुनियादी ढांचे के विकास में मदद कर रहा है।’

चीन के विदेश मंत्री वांग यी द्वारा परिचर्चा सत्र की अध्यक्षता की गई। प्रधानमंत्री सिंह ने इस मौके पर कहा, ‘चीन की विनिर्माण क्षेत्र में काफी क्षमता है। भारत ने भी सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काफी क्षमता विकसित कर ली है। यह एक और ऐसा आधार है जिसके जरिये दोनों देश मिलकर काम कर सकते हैं।’ सिंह ने कहा कि भारत इस समय विनिर्माण क्षेत्र में चीन के निवेश की संभावनाएं तलाश रहा है। साथ ही वह भारत में चीनी औद्योगिक पार्क की स्थापना के विकल्प पर भी विचार कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इसी तरह मुझे उम्मीद है कि चीन भारतीय आईटी व फार्मा कंपनियों को अपने यहां बेहतर मेहमाननवाजी वाला माहौल उपलब्ध कराएगा।’ सिंह ने ऊर्जा तथा खाद्य सुरक्षा क्षेत्र में भी द्विपक्षीय सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को ऊर्जा की आपूर्ति तथा अधिक क्षमता वाली ऊर्जा की जरूरत है। यह एक और ऐसा क्षेत्र है जहां दोनों देश मिलकर काम कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री सिंह ने कहा कि हम जलवायु परिवर्तन पर एक बार फिर से साथ काम कर सकते हैं, जिससे विकास का रास्ता सुनिश्चित किया जा सके, टिकाउ रास्ता। पार्टी स्कूल में संबोधन देने वाले सिंह कुछ प्रमुख विदेशी अतिथियों में से हैं। हाल के वर्षों में चीन के सभी बड़े नेता इसी स्कूल से आए है। सिंह का स्वागत करते हुए सेंट्रल स्कूल पार्टी के कार्यकारी उपाध्यक्ष ही गितिंग ने उन्हें दुनिया का प्रमुख नेता तथा शीर्ष अर्थशास्त्री बताया।

भारत व चीन के समक्ष आने वाली भविष्य की चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने दोनों देशों के बीच सहयोग की जरूरत बताई। सिंह ने कहा कि यह दोनों देशों के लिए जरूरी है कि वे सीमाओं पर शांति बनाए रखें। भारत व चीन में विकास के रास्ते, दोनों देशों में समानताओं व अंतर के बारे में सवाल पर सिंह ने कहा कि दोनों देशों ने विकास के लिए जो रास्ता अपनाया है उनमें कई समानताएं हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कई ऐसे उदाहरण हैं जहां तेजी से आगे बढ़ा है। ऐसे में उसमें भारत के रास्ते पर जाने की जरूरत नहीं और न ही भारत को ऐसे में चीन के रास्ते पर चलने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी बढ़ती आबादी को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए दोनों देशों को औद्योगिकीकरण की जरूरत है। इसके लिए हमें कौशल विकास पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। इसमें हम एक-दूसरे से काफी कुछ सीख सकते हैं। सिंह ने कहा कि इसके साथ ही हम अपने पड़ोस में शांति व स्थिरता का वातावरण कायम करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। (एजेंसी)

First Published: Thursday, October 24, 2013, 17:11

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