Last Updated: Friday, October 25, 2013, 20:49

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने हिंडाल्को को ओडिशा में कोयला खान के विवादास्पद आबंटन से संबद्ध फाइल शुक्रवार को सीबीआई को सौंप दी। जांच एजेंसी ने पीएमओ से यह फाइल मांगी थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सीबीआई ने आबंटन से जुड़ी फाइल मांगी थी। हमने फाइल सौंप दी है और इसकी पावती ले ली है।’’ पीएमओ ने सीबीआई को बताया कि वह जरूरत पड़ने पर तालाबीरा कोयला खान आबंटन के बारे में कोई भी अन्य सूचना उपलब्ध कराने को तैयार है। हिंडाल्को को यह आबंटन 2005 में किया गया था।
कुमार मंगलम बिड़ला प्रवर्तित हिंडाल्को को खान आबंटन को लेकर विपक्षी दलों की ओर से आलोचना का सामना कर रहे प्रधानमंत्री ने अपने इस निर्णय को ‘पूरी तरह से उचित’ और अपने समक्ष पेश मामले के गुणों के आधार पर किया गया निर्णय बताया है।
सीबीआई द्वारा पिछले सप्ताह बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पी.सी. पारेख के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद आबंटन को लेकर विवाद खड़ा हुआ।
पारेख ने कहा है कि यदि वह साजिश रचने के दोषी हैं तो प्रधानमंत्री को भी आरोपी बनाया जाना चाहिए क्योंकि संशोधित निर्णय को अंतिम मंजूरी उन्होंने दी थी। इसके बाद भाजपा ने प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग की थी। प्रधानमंत्री सिंह ने गुरुवार को कहा कि वह इस मामले में सीबीआई के किसी भी प्रश्न का जवाब देने को तैयार हैं क्योंकि उन्हें कोई बात छुपाने की जरूरत नहीं है।
रूस और चीन की यात्रा से लौटते समय उन्होंने कल संवाददाताओं से इस विषय में बातचीत में कहा, ‘‘मैं कानून से उपर नहीं हूं। यदि सीबीआई मुझसे कुछ जानना चाहती है तो मैं तैयार हूं। मुझे कुछ छुपाने की जरूरत नहीं है।’’
पीएमओ ने पिछले सप्ताह एक बयान में हिंडाल्कों संबंधी निर्णय को सही ठहराते हुए यह स्वीकार किया कि एक अक्तूबर, 2005 को अंतिम निर्णय, कोयला आवंटन संबंधी जांच समिति की पूर्व की सिफारिश से ‘भिन्न’ था।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने घटनाक्रम का जो ब्यौरा जारी किया है उससे यह जाहिर होता है कि बिड़ला और ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के प्रतिवेदनों के मद्देनजर पर प्रधानमंत्री द्वारा तय नियमों में ढील दी गई थी। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 25, 2013, 20:49