किंगफिशर से बकाया वसूली की प्रक्रिया जारी : SBI

किंगफिशर से बकाया वसूली की प्रक्रिया जारी : SBI

बेंगलुरु : भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने आज कहा कि खस्ताहाल किंगफिशर एयरलाइंस से बकाये की वसूली प्रक्रिया जारी है, लेकिन इसमें कानूनी चुनौतियां भी हैं।’

भट्टाचार्य ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘किंगफिशर का बैंक खाता इस समय संचालन में नहीं है और हम किसी एक विशेष खाते के बारे में बातचीत नहीं करना चाहते। बकाये की वसूली के लिये जो भी जरूरी कदम हैं वह उठाये जा रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी कदम हैं जिनमें समय लगेगा क्योंकि इसकी एक कानूनी प्रक्रिया है जिसपर आगे बढ़ना होता है और बेशक इसमें कानूनी चुनौतियां भी हैं। इसलिए हम उस पर भी देख रहे हैं।’

स्टेट बैंक उस 17 सदस्यीय समूह का नेतृत्व कर रहा है जिसका खस्ताहाल एयरलाइंस किंगफिशर पर 7,500 करोड़ रुपये का मूल कर्ज बकाया है। इसमें सबसे ज्यादा स्टेट बैंक का 1,600 करोड़ रुपये का शेष है। किंगफिशर एयरलाइंस के विमान अक्तूबर 2012 से खड़े हैं और उन्हें उड़ान भरने की अनुमति नहीं है।

यह पूछे जाने पर कि स्टेट बैंक ने किंगफिशर एयरलाइंस के शेयर बेचकर कितनी राशि हासिल की है। अरुंधति ने कहा, ‘बहुत ज्यादा नहीं। मेरा मानना है कि यह प्राप्ति 350 से 400 करोड़ रुपये के दायरे में रही है।’ शेष राशि की वसूली के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने मुनाफे में से इसका पूरा प्रावधान किया है।’

पंजाब नेशनल बैंक और आईडीबीआई बैंक प्रत्येक का किंगफिशर पर 800 करोड़ रुपये का बकाया है। इसके अलावा बैंक ऑफ इंडिया का 650 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा का 550 करोड़ रुपये बकाया है। अन्य बैंकों में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया 430 करोड़ रुपये, सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 410 करोड़ रुपये, यूको बैंक 320 करोड़ रुपये, कॉरपोरेशन बैंक 310 करोड़ रुपये, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर 150 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक 140 करोड़ रुपये, फैडरल बैंक 90 करोड़ रुपये, पंजाब एण्ड सिंध बैंक 60 करोड़ रुपये और एक्सिस बैंक 50 करोड़ रुपये शामिल है।

बैंकों के समूह के अलावा श्रेई इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस का 430 करोड़ रुपये, जम्मू एण्ड कश्मीर बैंक का 80 करोड़ रुपये और ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स का 50 करोड़ रुपये भी बकाया है। स्टेट बैंक के सहयोगी बैंकों में से कुछ के विलय के बारे में प्रयासों के बारे में पूछे जाने पर भट्टाचार्य ने कहा कि फिलहाल इस पर बैंक का ध्यान नहीं है। आम चुनाव के बाद देखा जायेगा कि क्या स्थितियां बनती हैं। स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंक एक ही प्रौद्योगिकी पर काम कर रहे हैं। उनके लेखा सिद्धांत भी वही है। विलय की तरफ बढ़ने से पहले बैंक को उसके सहयोगी बैंकों के मानव संसाधन व्यवहार के साथ जुड़ना होगा। (एजेंसी)

First Published: Saturday, April 26, 2014, 19:15

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