Last Updated: Friday, November 29, 2013, 23:45
नई दिल्ली : मंत्रिमंडल ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री के प्रस्ताव को खारिज करते हुए मौजूदा औषधि कंपनियों के लिए एफडीआई सीमा कम नहीं करने का निर्णय किया है।
मंत्रालय के अधीन आने वाले औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने औषधि क्षेत्र में दुर्लभ या महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एफडीआई सीमा 100 प्रतिशत से घटाकर 49 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया था।
इस कदम का मकसद बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा घरेलू कंपनियों के अधिग्रहण पर लगाम लगाना था। वित्त मंत्रालय ने इस मांग का पुरजोर विरोध किया था। योजना आयोग की भी इस पर आपत्ति थी। वहीं, दूसरी तरफ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण जैसे मंत्रालयों ने इसका समर्थन किया था।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार मंत्रिमंडल ने मौजूदा कंपनियों तथा नई परियोजनाओं के मामले में मौजूदा नीति को बनाए रखने का निर्णय किया है।
फिलहाल मौजूदा कंपनियों में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी के जरिए 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है।
इससे पहले, वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम फिलहाल मौजूदा दवा कंपनियों में एफडीआई सीमा नहीं घटा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि हालांकि प्रतिस्पर्धा रोधी प्रावधान खत्म किया जाएगा।
इसके तहत अधिग्रहीत कंपनी उसी तरह के उत्पाद नहीं बना सकती है जो कि अधिग्रहण करने वाली कंपनी बनाती है। यह फैसला केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लिया है। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 29, 2013, 23:45