लोकलुभावन घोषणाएं नहीं करना चाहता था: रेलमंत्री खड़गे

लोकलुभावन घोषणाएं नहीं करना चाहता था: रेलमंत्री खड़गे

लोकलुभावन घोषणाएं नहीं करना चाहता था: रेलमंत्री खड़गेनई दिल्ली : मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज अपना पहला रेल बजट पेश करने के बाद कहा कि उन्होंने इसमें लोकलुभावन घोषणाएं करने के बजाय व्यावहारिक रुख अपनाने की कोशिश की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रेलवे देश के लोगों हित में फलती फूलती रहे। खड़गे ने अंतरिम रेल बजट पेश करने के बाद संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, मैं लोकप्रियता या लोकलुभावन कदमों में किसी से प्रतिस्पर्धा नहीं करना चाहता था। मैं वास्तव में रेलवे की वृद्धि में रचि रखता हूं और इसे यात्रियों को सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि रेलवे देश के आम लोगों हित में फले फूले।

खड़ने ने तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा 2009 के अंतरिम रेल बजट में यात्री किराए में 2 प्रतिशत कटौती का जिक्र किए जाने पर उक्त टिप्पणी की। आज के अंतरिम बजट में यात्री किराये तथा माल भाड़े से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। रेल बजट में रेल के आधुनिकीकरण के प्रयासों के तहत निजी भागीदारी तथा एफडीआई बढाने के प्रयासों का ज्रिक किया गया है।

खड़गे ने कहा, मैं व्यावहारिक बनना चाहता हूं और रेलवे मजबूत बनी रहनी चाहिए। इसे सभी लोगों को सेवा उपलब्ध करानी चाहिए यही हमारा ध्येय है। उन्होंने बजट को वृद्धि उन्मुखी बताया और कहा, अंतरिम बजट में जो कुछ भी संभव था हमने वह करने की कोशिश की। हमने अंतरिम बजट में यात्री किराया या माल भाड़ा नहीं बढाया है। मौजूदा प्रणाली में जो संसाधन जुटाए जा सकते हैं वे जुटाने की कोशिश की गई है।

परिवर्तनशील किराये वाली प्रीमियर ट्रेन के बारे में उन्होंने कहा, कुछ आय की जरूरत तो है ही क्योंकि बिना आय के तो हम यात्रियों को सुविधाएं नहीं दे सकते। इसलिए 17 प्रीमियर ट्रेन शुरू की जाएंगी। इन 17 ट्रेनों से जितनी आय होगी, उससे 56 अन्य ट्रेनों के परिचालन में मदद मिलेगी। खड़गे ने अपने बजट में 73 रेलगाड़ियां शुरू करने की घोषणा की जिनमें से 56 नियमित तथा 17 प्रीमियर रेलगाड़ियां होंगी। उन्होंने रेल शुल्क प्राधिकार (आरटीए) के फैसलों का बचाव किया। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 12, 2014, 21:21

comments powered by Disqus