Last Updated: Thursday, October 24, 2013, 16:36
नई दिल्ली : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने दूसरी तिमाही की मौद्रिक समीक्षा से पहले आज यहां वित्त मंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात की और वृहद आर्थिक स्थिति पर चर्चा की।
बैठक के बाद राजन ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने वित्त मंत्री के साथ देश की अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति सहित तमाम विषयों पर चर्चा की।’ रिजर्व बैंक 29 अक्तूबर को अपनी तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक करने वाला है। इस समय मुद्रास्फीति ने फिर सिर उठाना शुरू कर दिया है जिससे रिजर्व बैंक के समक्ष नीतिगत ब्याज दर नरम करने का विकल्प टेढा हो गया है। इसके विपरीत उद्योग व्यापार में नरमी को देखते हुए रिण सस्ता करने की मांग तेज हो गयी है।
खाद्य और खास कर प्याज तथा अन्य सब्जियों की कीमतों के चढने से सितंबर में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति बढ कर 6.46 प्रतिशत पर पहुंच गयी। यह सात माह का उच्चतम स्तर हैं। अगस्त में मुद्रास्फीति 6.1 प्रतिशत रही थी। गत 20 सितंबर को मध्य तिमाही समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो दर अप्रत्याशित रप से 7.25 प्रतिशत से बढा कर 7.5 प्रतिशत कर दी थी।
विश्व बैंक ने इससे पहले इसी माह भारती की चालू वित्त वर्ष की वृद्धि के बारे में अपने पूर्वानुमान को पहले के 6.1 प्रतिशत से घटा कर 4.7 कर दिया। इससे पहले अंतराष्ट्रीय मुद्राकोष ने कहा था कि वर्ष 2013-14 में भारत की आर्थिक वृद्धि 3.75 प्रतिशत रहेगी। अगले वित्त वर्ष में यह 5.1 प्रतिशत रहेगी।
आर्थिक मामलों के सचिव मायाराम ने यहां कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिए जो कदम उठाए हैं उनका असर दिख रहा है। उन्होंने कहा, ‘सरकार जरूरी उपाय करना जारी रखेगी।’ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपनी विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की औसत आर्थिक वृद्धि 3.75 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इससे अगले वित्त वर्ष में इसके 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 24, 2013, 16:36