आर्थिक वृद्धि 5.7% से घटाकर 4.8% रहेगी : आरबीआई

आर्थिक वृद्धि 5.7% से घटाकर 4.8% रहेगी : आरबीआई

मुंबई : रिजर्व बैंक प्रायोजित पेशेवर अनुमानकर्ताओं ने चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को मौजूदा 5.7 प्रतिशत से घटाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है। अपनी ‘वृहत आर्थिक तथा मौद्रिक विकास दूसरी तिमाही समीक्षा 2013-14’ में केंद्रीय बैंक ने कहा कि पेशेवरों के अनुमान से चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि में नरमी का संकेत मिलता है।

रिजर्व बैंक ने कहा, वित्त वर्ष 2013-14 के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर 4.8 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि इससे पहले इसके 5.7 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी। आर्थिक वृद्धि दर का ताजा अनुमान 2012-13 की 5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान से कम है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा विश्वबैंक जैसी एजेंसियों ने भी भारत के लिये आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटा है। दोनों संस्थानों ने आर्थिक वृद्धि दर 4.3 से 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।

हालांकि रिजर्व बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2013-14 की दूसरी छमाही में आर्थिक वृद्धि में कुछ सुधार संभव है। रिजर्व बैंक ने कहा, आर्थिक वृद्धि दर 2013-14 की पहली तिमाही में 17 तिमाही के निम्न स्तर 4.4 प्रतिशत पर आ गयी। इसके आधार पर 2013-14 में आर्थिक वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष के स्तर के करीब हो सकती है।

शीर्ष बैंक ने कहा, वित्त वर्ष 2013-14 की पहली छमाही में धीमी वृद्धि के बाद दूसरी छमाही में कुछ सुधार की संभावना है। दक्षिण-पश्चिम मानसून के बेहतर रहने से कृषि वृद्धि बेहतर रहने तथा निर्यात में वृद्धि को देखते हुए दूसरी छमाही में वृद्धि दर कुछ अच्छा रहने का अनुमान है। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि नरमी वैश्विक स्थिति का नतीजा है। हालांकि घरेलू कारकों से इसकी स्थिति और बिगड़ी है। इसे कुछ हद तक नीतिगत कदम से ठीक किया जा सकता है।

रिजर्व बैंक ने कहा, छोटी लेकिन सतत नीतिगत कदम से आर्थिक वृद्धि पटरी पर आ सकती है..देश की आर्थिक वृद्धि को पटरी पर लाने के लिये वृहत आर्थिक स्थिरता जरूरी है। (एजेंसी)

First Published: Monday, October 28, 2013, 23:51

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