Last Updated: Sunday, May 11, 2014, 12:24
नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज तथा उसकी सहयोगी ब्रिटेन की बीपी पीएलसी और कनाडा की नीको रिसोर्सेज ने प्राकृतिक गैस कीमतों में संशोधन कार्यान्वयन में देरी के लिए सरकार को मध्यस्थता नोटिस थमा दिया। इन कंपनियों के बयान में कहा गया है, आरआईएल, बीपी एवं नीको ने भारत सरकार को नौ मई 2014 को मध्यस्थता नोटिस दिया। इसमें सरकार से 10 जनवरी 2014 को अधिसूचित घरेलू प्राकृतिक गैस कीमत दिशा निर्देश 2014 का कार्यान्वयन करने को कहा गया है। इसके अनुसार, गैस के लिए मंजूरशुदा फार्मूले के हिसाब से कीमतों को अधिसूचित करने में भारत सरकार के स्तर पर लगातार देरी के मद्देनजर सम्बद्ध पक्षों के पास इसके (नोटिस के) अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
उल्लेखनीय है कि रिलायंस (आरआईएल) तथा उसकी सहयोगी फर्मों को बंगाल की खाड़ी में केजी डी6 क्षेत्र की प्राकृतिक गैस के लिए नयी दर एक अप्रैल से मिलनी थी। इस गैस के लिए 4.205 डालर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट की दर की समयावधि समाप्त हो गई है जो पांच साल के लिए थी।
हालांकि, कैबिनेट ने निजी व सार्वजनिक कंपनियों की घरेलू गैस के लिए नये कीमत फार्मूले को 19 दिसंबर 2013 को मंजूरी दे दी थी और इसे 10 जनवरी को अधिसूचित कर दिया गया लेकिन नयी दर का कार्यान्वयन तय कार्य्रकम के अनुसार नहीं हो पाया।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस फार्मले के तहत नयी दरों की घोषणा में देरी की और यह सरकारी गजट में 17 जनवरी को प्रकाशित हुआ। इस बीच पांच मार्च को लोकसभा चुनावों की घोषणा हो गई और चुनाव आयोग ने सरकार से कहा कि वह नयी दरों को चुनाव प्रक्रिया पूरी होने से पहले अधिसूचित नहीं करे।
कंपनियों का कहना है कि नयी दरें लागू नहीं होने के कारण वे अंतरिम रूप से पुरानी दरों पर ही गैस बेचने को मजबूर हैं और अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि नयी दरें कब अधिसूचित होंगी। क्योंकि भाजपा जिसके नयी सरकार बनाने की संभावना व्यक्त की जा रही है, पहले ही कह चुकी है कि वह फार्मूले की समीक्षा करना चाहेगी। इन कंपनियों का कहना है कि कीमतों पर स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण वे इस साल लगभग चार अरब डॉलर के निवेश को मंजूरी नहीं दे पा रहीं।
गौरतलब है कि ये तीनों भागीदार 1.8 अरब डॉलर के जुर्माने को लेकर पहले ही सरकार के साथ मध्यस्थता (पंच निर्णय) की लड़ाई लड़ रही हैं। यह जुर्माना रिलायंस पर उसके केजी डी6 क्षेत्र में धीरभाई 1 और 3 से गैस उत्पादन लक्ष्य के अनुरूप नहीं होनें की वजह से लगाया गया। इनमें इस समय प्रतिदिन 80 लाख घनमीटर गैस उत्पादन हो रहा है जबकि लक्ष्य 8 करोड़ घनमीटर प्रतिदिन उत्पादन का था।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, May 10, 2014, 21:03