Last Updated: Tuesday, October 29, 2013, 13:54

मुंबई: आम आदमी को आने वाले दिनों में महंगाई से राहत मिलने वाली नहीं है क्योंकि रिजर्व बैंक ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति नौ प्रतिशत से उपर बनी रहेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2013-14 की मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा में कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति खाद्य से लेकर गैर खाद्य वस्तुओं तक में बढ़ी है जिनमें सेवाएं भी शमिल हैं जिससे मुद्रास्फीति के उच्च स्तर पर बने रहने की आशंका है।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि यदि कोई नीतिगत पहल नहीं होती तो आने वाले महीनों में खाद्य और खुदरा मुद्रास्फीति नौ प्रतिशत या इससे अधिक रह सकती है। रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने थोकमूल्य और खुदरा मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए उचित नीतिगत पहल की बात की।
राजन ने मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा कि थोकमूल्य आधारित मुद्रास्फीति के वित्त वर्ष की शेष अवधि में मौजूदा स्तर से उपर रहने की संभावना है और नीतिगत पहल की जरूरत है। थोकमूल्य आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में लगातार चौथे महीने बढ़कर 6.46 प्रतिशत पर आ गई। खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में आंशिक रूप से बढ़कर 9.84 प्रतिशत हो गई।
रिजर्व बैंक ने कहा कि खरीफ फसल की आवक और कीमत में मौसमी कमी के कारण खाद्य कीमतों पर दबाव कम हो सकता है। थोक मूल्य वर्ग के सूचकांक में खाद्य मुद्रास्फीति 18.40 प्रतिशत रही है।
रिजर्व बैंक ने मंगलवार को रेपो दर यह कहते हुए 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 7.75 प्रतिशत कर दी कि मुद्रास्फीति की बढ़ती रफ्तार को रोकना महत्वपूर्ण है ताकि वित्तीय बचत के क्षरण को रोका जा सके और वृद्धि की बुनियाद मजबूत की जा सके। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 29, 2013, 13:54