`गैस मूल्य वृद्धि टालने के आदेश पर पुनर्विचार करेगा चुनाव आयोग`

`गैस मूल्य वृद्धि टालने के आदेश पर पुनर्विचार करेगा चुनाव आयोग`

नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग द्वारा गैस मूल्य वृद्धि टालने से बुरी तरह प्रभावित रिलायंस इंडस्ट्रीज ने आयोग को पत्र लिखकर अपने निर्देश पर पुनर्विचार करने की गुजारिश की है क्योंकि मूल्य वृद्धि का निर्णय चुनाव की घोषणा से कई महीने पहले किया गया था और उच्चतम न्यायालय ने भी इस पर रोक नहीं लगाई है।

आरआईएल ग्रुप के अध्यक्ष वी. बालासुब्रमण्यन ने 2 अप्रैल को मुख्य चुनाव आयुक्त वी.एस. संपत को लिखे पत्र में कहा कि केजी.डी6 गैस मूल्य वृद्धि एक अनुबंध से जुड़ी आवश्यकता है क्योंकि 4.2 डालर की पुरानी दर 31 मार्च को समाप्त हो गई। अप्रैल, 2014 से नयी दरें तय करने के लिए सरकार ने 2012 में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन सी. रंगराजन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी जिसकी सिफारिशों के आधार पर मंत्रिमंडल ने जून में नए मूल्य निर्धारण फार्मूले को मंजूरी दी थी।

सुब्रमण्यन ने लिखा है, ‘आप इस बात की सराहना करेंगे कि उक्त (प्राकृतिक गैस मूल्य निर्धारण) दिशानिर्देशों को आचार संहिता लागू होने से पहले ही अधिसूचित किया गया था।’ ‘उच्चतम न्यायालय ने गैस मूल्य वृद्धि पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई है, इसलिए मामला न्यायालय में होने के आधार पर गैस मूल्य वृद्धि को टालने का कोई सवाल नहीं बनता है।’ कंपनी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय गैस मूल्य वृद्धि के विरोध वाली याचिका पर दैनिक आधार पर सुनवाई कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग ने 24 मार्च को सरकार को इस आधार पर फार्मूले का क्रियान्वयन टालने को कहा क्योंकि मामला न्यायालय में है। (एजेंसी)

First Published: Friday, April 4, 2014, 22:29

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