सहारा प्रमुख गिरफ्तार, 4 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेजे गए

सहारा प्रमुख गिरफ्तार, 4 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेजे गए

सहारा प्रमुख गिरफ्तार, 4 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेजे गए लखनऊ/नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद सहारा समूह प्रमुख सुब्रत रॉय ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लखनऊ के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) के समक्ष पेश किया जहां से उन्हें चार मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। रॉय को चार मार्च को सर्वोच्च न्यायालय के सामने पेश होना है।

नाटकीय घटनाक्रम के तहत रॉय ने शुक्रवार सुबह उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने लखनऊ के गोमतीनगर स्थित अपने आवास `सहारा शहर` में आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। कई घंटे बाद शाम करीब साढ़े पांच बजे राय को लखनऊ पुलिस ने सीजेएम आनंद कुमार की अदालत में पेश किया।

लखनऊ पुलिस ने अदालत से राय को चार मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजने का अनुरोध किया, वहीं रॉय की तरफ से कहा गया कि वे चार मार्च तक अपनी मां के साथ घर में रहना चाहते हैं। बाकी अदालत जो आदेश देगी वह उसे मानेंगे।

सीजेएम ने लखनऊ पुलिस के अनुरोध को स्वीकार करते हुए रॉय को चार मार्च तक लखनऊ पुलिस की हिरासत में रखने का आदेश दिया और साथ ही यह भी कहा कि पुलिस उन्हें चार मार्च को तय समय पर सर्वोच्च अदालत में पेश करे। अदालत ने कहा कि चार मार्च तक की पुलिस हिरासत के दौरान रॉय को कहां रखना है, यह पुलिस के विवेक पर निर्भर होगा।

कयास लगाए जा रहे हैं लखनऊ पुलिस या तो रॉय को किसी अतिथि गृह में रखेगी या फिर उनके घर में ही। रॉय के रसूख को देखकर इस बात की आशंका बहुत कम है लखनऊ पुलिस चार मार्च तक की हिरासत की समयावधि में राय को हवालात में रखेगी।

उधर, शुक्रवार सुबह रॉय की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में गैर जमानती वारंट को रद्द करने की अपील की गई थी, लेकिन लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें अंतरिम राहत देने से मना कर दिया था। रॉय के आत्मसमर्पण की बात सबसे पहले उनके वकील राम जेठमलानी के जरिए जामने आई। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय की पीठ को शुक्रवार को बताया कि सुब्रत रॉय ने लखनऊ पुलिस के समक्ष आज सुबह आत्मसमर्पण कर दिया।

इसके बाद सहारा समूह की तरफ से सुब्रत के बेटे सीमांतो रॉय ने दिल्ली के ललित होटल में संवाददाता सम्मेलन करके जानकारी दी कि सर्वोच्च न्यायलय के आदेशों का पालन करते हुए सुब्रत राय ने आज सुबह आत्मसमर्पण कर दिया है और वह पुलिस को पूरा सहयोग कर रहे हैं। उनका आत्मसमर्पण मीडिया को दिए बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह फरार नहीं हैं और इसके साथ ही उन्होंने पुलिसकर्मियों से न्यायालय के निर्देश के अनुसार काम करने का अनुरोध किया था।

रॉय ने गुरुवार को न्यायालय को बताया था कि वह जानबूझ कर उपस्थिति से नहीं बचे थे।
उन्होंने मीडिया से कहा, `मैं वह इंसान नहीं हूं, जो फरार हो जाए। वास्तव में एक कानून-पालक नागरिक होने के नाते अगर मैं कोई भी ऐसा काम करुंगा तो मुझे अपने आप से घृणा होगी।`

सर्वोच्च न्यायालय ने उनके पेश न होने की सूरत में 26 फरवरी को उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था। रॉय ने कहा था कि वह अपनी 92 वर्षीय बीमार मां के साथ रहना चाहते थे इसलिए उपस्थित नहीं हो पाए। उन्होंने शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में कहा, `पिछले शाम को मैं अपनी मां की मेडिकल रिपोर्ट लेकर सहारा शहर, लखनऊ से बाहर चिकित्सकों के एक पैनल के पास सलाह-मशविरा के लिए गया था, उसके बाद मैं वकील के घर भी गया था।`

उन्होंने कहा, `लौटने पर मेरे परिवार ने बताया कि पुलिस आई थी और पुलिस ने मीडिया से कुछ बातें भी की थी और उसके बाद देशभर की मीडिया ने यह कहना शुरू कर दिया कि मैं फरार हो गया हूं। क्या मैं फरार हूं? मुझे खुद से घृणा होने लगी है।`

रॉय और तीनों निदेशकों को इसलिए व्यक्तिगत रूप से अदालत में पहुंचने का निर्देश दिया गया था, क्योंकि सहारा की कंपनियां निवेशकों से वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर के जरिए जुटाई गई 24 हजार करोड़ रुपये की राशि में से 19,000 करोड़ रुपये की राशि चुकाने के लिए गारंटी के रूप में सेबी के पास बिना कर्ज वाली कुछ संपत्तियों का मालिकाना हक जमा करने में असफल रही है। सहारा ने दिसंबर 2012 में हालांकि सेबी के पास 5,120 करोड़ रुपये जमा कर दिए थे। (एजेंसी)

First Published: Friday, February 28, 2014, 20:55

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