Last Updated: Thursday, May 8, 2014, 22:00
मुंबई : बच्चों को बैंकों में खाते खोलने और उन्हें संचालित करने की अनुमति देने की रिजर्व बैंक की पहल के बाद देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि वह बच्चों के लिये जल्द ही विशेष योजना शुरू करेगा।
स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हम बच्चों के खाते खोलते हैं लेकिन इन खातों पर ओवरड्राफ्ट देने पर प्रतिबंध है, इनमें यदि ओवरड्राफ्ट होता है तो हम इसकी वसूली नहीं कर पाएंगे। हालांकि, जमा राशि पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है और अब हम अगले तीन महीने में बच्चों के लिये विशेष योजना शुरू करने जा रहे हैं।’
फ्लोटिंग दर पर दिये गये व्यक्तिगत कर्ज की वापसी समय से पहले करने पर जुर्माना नहीं वसूलने के रिजर्व बैंक के निर्देश के बारे में पूछे जाने पर अरुंधति ने कहा, स्टेट बैंक इस तरह का कोई जुर्माना नहीं लेता है, इसलिये इससे उसके मार्जिंस पर लंबे समय के लिये कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बैंक निश्चित दर पर दिये गये कर्ज की एकमुश्त वापसी पर बैंक शुल्क की वसूली करता है।
रिजर्व बैंक ने मंगलवार को दिशानिर्देश जारी किये जिसमें 10 साल से अधिक आयु के बच्चों को बैंकों में बचत खाता खोलने के साथ साथ उन्हें स्वतंत्र रूप से खाते को संचालित करने तथा एटीएम और चेक बुक सुविधा का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है।
केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि उसकी इस पहल का मकसद वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने और बैंकों में इस तरह के खाते खोलने के मामले में एकरूपता लाना है। बच्चों को इससे पहले संरक्षक के तौर पर अपनी मां के साथ बचत अथवा सावधि जमा खाता खोलने की अनुमति थी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 8, 2014, 22:00