सुब्रत राय और सहारा समूह के तीन निदेशक तलब

सुब्रत राय और सहारा समूह के तीन निदेशक तलब

नई दिल्ली : सहारा समूह द्वारा न्यायिक आदेश के बावजूद निवेशकों का 20 हजार करोड़ रूपए नहीं लौटाने के कारण उच्चतम न्यायालय ने आज और सख्ती करते हुये इसके मुखिया सुब्रत राय को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का निर्देश दिया। न्यायालय ने इसके साथ ही बाजार नियामक सेबी को कंपनियों की संपत्तियों को बेचने की भी अनुमति दे दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय के साथ ही सहारा इंडिया रियल इस्टेट कार्प लि और सहारा इंडिया हाउसिंग इन्वेस्टमेन्ट कार्प लि के निदेशक रवि शंकर दुबे, अशोक राय चौधरी और वंदना भार्गव को भी 26 फरवरी को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जे एस खेहड़ की खंडपीठ ने सेबी को सहारा समूह की उन संपत्तियों को बेचने का निर्देश दिया जिनके स्वामित्व के बिक्री विलेख निवेशकों का बीस हजार करोड रूपया वसूलने के लिये उसे सौंपे जा चुके हैं।

न्यायाधीशों ने कहा कि उन संपत्तियों को आप बेच सकते हैं। हम आपको उन्हें बेचने और इससे धन प्राप्त करने की अनुमति देते हैं। यदि यह संपत्ति किसी तरह की विवादित हों तो आज कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामला दायर कर सकते हैं। इस मामले को अंतिम निष्कर्ष तक लाना ही होगा। न्यायाधीशों ने पिछले डेढ साल से सहारा समूह द्वारा न्यायिक आदेशों की अवहेलना किये जाने पर भी सवाल उठाया। न्यायालय ने कहा कि सेबी इन संपत्तियों को नीलाम करके धन प्राप्त कर सकती है।

सेबी के वकील ने कहा कि कंपनी को खुद ही इन संपत्तियों को बेचने और इससे मिलने वाला धन जमा कराना चाहिए। इस पर न्यायाधीशों ने कहा कि इस संपत्ति को बेचने में क्या परेशानी है। नीलामी कीजिये और धन प्राप्त कीजिये। संपत्ति की कीमत को भूल जाइये। (एजेंसी)

First Published: Thursday, February 20, 2014, 19:10

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