Last Updated: Wednesday, April 2, 2014, 14:08

नई दिल्ली : सैमसंग इलेक्ट्रानिक्स के चेयरमैन ली कुन-ही के लिए ताजी समस्या खड़ी हो गयी है। उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है और उच्चतम न्यायालय ने उन्हें 14 लाख डालर (करीब 8.4 करोड़ रुपये) की धोखाधडी के मामले में गाजियाबाद की एक अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति के सी प्रह्लाद और न्यायमूर्ति पी सी घोष की पीठ ने अपने एक निर्देश में टीवी, मोबाइल हैंडसेट्स एवं अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण बनाने वाली इस दक्षिण कोरियाई कंपनी के 72 वर्षीय चेयरमैन ली के खिलाफ सुनवाई अदालत में हाजिर नहीं होने के मामले में जारी गिरफ्तारी वारंट पर अमल छह सप्ताह के लिए रोक दिया है।
पीठ ने कहा, ‘याचिकाकर्ता (ली) के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर (31 मार्च) से छह सप्ताह की अवधि तक कार्रवाई नहीं की जाएगी। पीठ ने कहा, ‘इस बीच याचिकाकर्ता संबंधित सुनवाई अदालत के समक्ष सुनवाई के दौरान हाजिर होगा और अदालत से बाकायदा जमानत मंजूर कराने या हाजिर होने से छूट प्राप्त करने की अर्जी देगा।’ पीठ ने यह निर्देश जारी करते हुये स्पष्ट किया कि वह सुनवाई अदालत के समक्ष चल रहे मूल मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है।
ली ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी गिरफ्तारी के वारंट को रद्द करने की अर्जी के साथ दायर अपील को खारिज कर दिया गया था। उच्चतम न्यायालय ने ली की याचिका पर सोमवार को यह फैसला दिया।
भारतीय कंपनी जेसीई कन्सलटेंसी ने ली के खिलाफ दायर मामले में ली पर 14 लाख डालर की धोखाधड़ी का मामला दायर किया है। ली ने अपने खिलाफ दायर प्राथमिकी रद्द कराने के लिए पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय और फिर उच्चतम न्यायालय में अर्जी लगायी थी और दोनों जगह उनकी अर्जी खारिज हो चुकी थी। उसके बाद सुनवाई अदालत ने उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 2, 2014, 14:08