Last Updated: Sunday, February 23, 2014, 11:25
जयपुर : उद्योग मंडल एसोसिएटेड चैम्बर्स आफ कामर्स एंड इडस्ट्री आफ इंडिया (एसोचैम) का कहना है कि राजस्थान में यदि आगामी पांच साल के दौरान आठ फीसदी वृद्धि दर कायम रखी गई तो राज्य में करीब 22 लाख नये रोजगार के अवसर पैदा किये जा सकते हैं।
एसोचैम ने फिलहाल राजस्थान के बीमारू राज्य की श्रेणी में होने से इंकार करते हुए कहा कि यह राज्य तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है, बहुराष्ट्रीय निवेशक विशेषकर सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पूर्व कांग्रेस सरकार ने सौर ऊर्जा, पेट्रोलियम इंडस्ट्री समेत औद्योगिक क्षेत्र में अच्छा काम किया है तो मौजूदा भाजपा सरकार ने भी अच्छी शुरुआत की है।
एसोचैम के राष्ट्रीय महामंत्री डीएस रावत ने आज कहा कि राज्य में 2004-2005 से लेकर वर्ष 2011-2012 के दौरान उद्योग और सेवा क्षेत्र में लगे कुल कार्यबल की संख्या 91 लाख से बढ़कर एक करोड़ एक लाख तक पहुंच गयी, बावजूद इसके प्रदेश में रोजगार बढाने की काफी गुंजाइश है।
एसोचैम द्वारा मुख्यमंत्री को सौंपे गये दस्तावेज के अनुसार राज्य की सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र के योगदान में करीब छह प्रतिशत गिरावट दर्ज की है। वर्ष 2004-05 में जहां राज्य की सकल वृद्धि में कृषि क्षेत्र का योगदान 25 प्रतिशत था वहीं यह 2012-13 में यह घटकर 19 प्रतिशत रह गया। उन्होंने कहा कि बार बार के सूखे, तेजी से गिरते भूजल स्तर, निवेश में कमी और कृषि कार्यो में आधुनिकीकरण की कमी कुछ ऐसी वजह रही है जिससे राजस्थान मे कृषि क्षेत्र का विकास अवरुद्ध हुआ है।
एसोचैम ने राज्य सरकार को उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयेाग करते हुये कृषि उत्पादन बढाने पर ध्यान देने का सुझाव देते हुए कहा है कि राजस्थान में औद्योगीकरण की गति बेहतर रही है। राज्य की सकल घरेलू उत्पादन मे उद्योगों का योगदान वर्ष 2004-05 में जहां 30.5 प्रतिशत पर था जो 2012-13 में बढकर 31.3 प्रतिशत हो गया जो राज्य में औद्योगीकरण की बेहतर रफ्तार का संकेत मिलता है।
इसके अनुसार राजस्थान ने वर्ष 2004-2005 और 2012-13 के दौरान 8.2 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि हासिल की जो कि राष्ट्रीय औसत वृद्धि से मामूली उंची है। उन्होंने बताया कि 2004-05 से लेकर 2012-13 के बीच 10 प्रतिशत की औसत सालाना वृद्धि के साथ सेवा क्षेत्र ने राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में सबसे बेहतर योगदान रहा है और सेवा क्षेत्र मे परिवहन, दूरसंचार, व्यापार पर्यटन, होटल रेस्त्रां, बैकिंग ओर बीमा के अलावा रीएल एस्टेट और अन्य कई क्षेत्र शामिल है। राजस्थान की अर्थव्यवस्था मे सेवा क्षेत्र का योगदान 44 प्रतिशत से बढकर 49 प्रतिशत हो गया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 23, 2014, 11:25