Last Updated: Thursday, October 31, 2013, 20:26
फ्रैंकफर्ट : अमेरिका के फेडरल रिजर्व सहित दुनिया के छह प्रमुख केन्द्रीय बैंकों ने कहा है कि वह आपस में एक दूसरे को विदेशी मुद्रा की आपूर्ति की आपसी सुविधा प्रदान करेंगे। इन बैंकों ने वर्ष 2007 में हुई उठापटक के बाद वैश्विक वित्तीय प्रणाली को स्थिरता प्रदान करने के लिए जो व्यवस्था की गई थी उसका आगे विस्तार किया है।
आज जो निर्णय लिया गया उसमें मुद्राओं की अदला बदली की भी व्यवस्था है। अब तक इस व्यवस्था को अस्थाई उपाय के तौर पर लिया जाता रहा है। यह व्यवस्था, अमेरिका के फेडरल रिजर्व, यूरोपीय सैंट्रल बैंक, दि बैंक ऑफ जापान, दि बैंक ऑफ इंग्लैंड, दि बैंक ऑफ कनाडा और दि स्विस नेशनल बैंक के बीच हुई है।
बैंकों के बीच मौजूदा स्वैप व्यवस्था में केन्द्रीय बैंकों को उनके अपने देश में किसी भी मुद्रा में नकदी उपलब्ध कराने की व्यवस्था होगी। उन्हें जिस भी मुद्रा में नकदी की आवश्यकता होगी वह उपलब्ध कराई जाती है। फेडरल रिजर्व और ईसीबी ने डालर.यूरो की अदला बदली व्यवस्था पहली बार दिसंबर 2007 में शुरू की थी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 31, 2013, 20:26