Last Updated: Monday, March 17, 2014, 17:26
मुंबई : नकदी संकट, मंजूरी मिलने में देरी और अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण डेवलेपर बड़ी परियोजनाओं और सार्वजनिक निजी भागीदारी वाली (पीपीपी) सड़क परियोजनाओं से बच रहे हैं। उद्योग सूत्रों का कहना है कि ऐसे में सरकारी एजेंसियां ऐसी परियोजनाओं को नकदी अनुबंध के आधार पर दे रही हैं।
उद्योग के जानकारों ने बताया कि सरकार अपना बोझ कम करने और ढांचागत परियोजनाओं में निजी भागीदारी बढ़ाने के लिए परियोजनाओं को सार्वजनिक निजी भागीदारी के आधार पर विकसित करने पर जोर दे रही है।
हालांकि वर्तमान आर्थिक परिस्थियों से डेवलपेर की धारणा को प्रभावित किया है और अब वे सार्वजनिक निजी भागीदारी वाली परियोजनाओं में फंसना नहीं चाहता है।
रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पिछले साल सितंबर माह में ऐसी परियोजनाओं को नकदी अनुबंध के आधार पर देने पर जोर दिया था।
इंडिया रेटिंग के निदेशक चेतन लखानी ने कहा कि यह आवश्यक था क्योंकि सार्वजनिक निजी भागीदारी के आधार पर परियोजनाएं सौंपने पर राजमार्ग प्राधिकरण के प्रतिक्रिया बहुत मंद है। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 17, 2014, 17:26