Last Updated: Friday, December 6, 2013, 16:26

बाली : विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) बैठक में खाद्य सुरक्षा पर भारत के रुख का समर्थन करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने शुक्रवार को कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम को जारी रखने की अनुमति होनी चाहिए क्योंकि इस प्रकार के कार्यक्रम विकासशील देशों में लाखों वंचित लोगों तथा गरीब किसानों के लिये बेहद अहम है।
डब्ल्यूटीओ के नौवें मंत्रीस्तरीय सम्मेलन के दौरान अलग से बातचीत में दक्षिण अफ्रीका के व्यापार मंत्री रोब डेविस ने कहा, ‘‘विकासशील देशों के कम आय वाले लाखों लोगों के लिये सार्वजनिक खाद्य भंडार कार्यक्रम महत्वपूर्ण है। ऐसे कार्यक्रम को जारी रखने की अनुमति होनी चाहिए। खाद्य सुरक्षा के लिये यह महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने आगे कहा कि डब्ल्यूटीओ में जारी विचार-विमर्श में खाद्य सुरक्षा पर जोर है। डेविस ने यह भी कहा कि बाली पैकेज का संतुलन गरीब किसानों और लोगों के पक्ष में होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मौजूदा बाली पैकेज संतुलित नहीं है। ‘‘हमारा यह प्रस्ताव है कि इस सम्मेलन को बाली बाद की प्रक्रिया के लिये राजनीतिक दिशा देनी चाहिए।’’ डेविस ने कहा कि इबसा (भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका) मामले के समाधान के लिये काम कर रहा है।
डब्ल्यूटीओ में गतिरोध के लिये भारत को जिम्मेदार ठहराये जाने संबंधी रिपोर्ट पर दक्षिण अफ्रीका के व्यापार मंत्री डेविस ने कहा, ‘‘इस प्रकार की भाषा से कोई मदद नहीं मिलेगी। यह केवल भारत का मामला नहीं है, कई अफ्रीकी देश हैं जो इसी प्रकार का कार्यक्रम चला रहे हैं, अत: यह केवल भारत की बात नहीं है।’’
अमेरिका तथा यूरोपीय संघ जैसे विकसित देश भारत से डब्ल्यूटीओ के कृषि समझौते के अंतर्गत ‘शांति उपबंध’ स्वीकार करने के लिये कह रहे हैं जिसके तहत चार साल के लिये 10 प्रतिशत की कृषि सब्सिडी की सीमा टूटने पर दंड से छूट का प्रावधान है। इंडोनेशिया विकसित देशों के विचारों का समर्थन कर रहा है। वहीं भारत और अन्य विकासशील देश खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के सुचारू क्रियान्वयन के लिये स्थायी समाधान तक शांति उपबंध बनाये रखने की मांग कर रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 6, 2013, 16:25