Last Updated: Monday, February 10, 2014, 19:10

नई दिल्ली : दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी सोमवार को दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर गई। 2जी सेवाओं के लिए प्रीमियम 900 मेगाहट्र्ज बैंड में कंपनियों के बीच जोरदार होड़ देखने को मिल रही है। इससे 2जी स्पेक्ट्रम की दर 2010 की नीलामी में नीलाम किए गए 3जी स्पेक्ट्रम से भी ऊपर पहुंच गई है।
सरकार ने 2010 में 5 मेगाहट्र्ज 3जी स्पेक्ट्रम 3,316.93 करोड़ रुपए की दर से बेचा था। 3 फरवरी से शुरू हुई नीलामी के 42 दौर पूरे होने के बाद अब 900 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम का भाव 3,668.15 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। हालांकि, 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में अधिक स्पेक्ट्रम बिक्री के लिए उपलब्ध होने की वजह से इसमें ज्यादा होड़ नहीं है।
नीलामी के सातवें दिन दिल्ली में 1800 मेगा हर्त्ज बैंड में 5 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम 1,511.5 करोड़ रुपए पर पहुंचा है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 1800 और 900 मेगाहट्र्ज के स्पेक्ट्रम की नीलामी में आज सातवें दिन तक 46 दौर पूरे हो चुके हैं। सुबह नौ बजे 43वें दौर की बोलियां शुरू हुईं। नीलामी अभी जारी है।
सरकार को स्पेक्ट्रम बिक्री से चालू वित्त वर्ष में कम से कम 16,750 करोड़ रुपए मिलेंगे। दूरसंचार कंपनियां पिछले दिन के अंत तक 56,554 करोड़ रुपए की बोलियां लगा चुकी थीं। वोडाफोन, रिलायंस जियो इन्फोकाम व भारती एयरटेल की ओर से 900 मेगाहट्र्ज में काफी आक्रामक तरीके से बोली लगाई जा रही है। वोडाफोन के लिए दिल्ली, मुंबई व कोलकाता में 900 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम हासिल करना जरूरी है। वहीं भारती एयरटेल के लिए दिल्ली व कोलकाता में इस बैंड का स्पेक्ट्रम हासिल करना जरूरी है। दोनों कंपनियों के लाइसेंसों की अवधि नवंबर में पूरी हो रही है। आगे परिचालन जारी रखने के लिए उन्हें स्पेक्ट्रम हासिल करना होगा।
यदि ये कंपनियां 900 मेगाहट्र्ज बैंड में स्पेक्ट्रूम हासिल करने में विफल रहती हैं तो उन्हें अपने ढांचे को 1800 मेगाहट्र्ज में स्थानांतरित करना होगा। इससे उन पर काफी बोझ पड़ेगा। फिलहाल वोडाफोन के पास दिल्ली और मुंबई में 900 मेगाहट्र्ज बैंड में 8 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम है। वहीं एयरटेल के पास दिल्ली में 8 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में स्पेक्ट्रम बिक्री से 11,300 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 10, 2014, 19:10