Last Updated: Wednesday, October 16, 2013, 15:12
नई दिल्ली : देश में इस्पात की खपत चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने में स्थिर रहा और सालाना आधार पर इसमें महज 0.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसका कारण निर्माण और वाहन क्षेत्र में मांग का कम होना है।
तैयार इस्पात की खपत चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि में 3.66 करोड़ टन रही। तैयार इस्पात की खपत अर्थव्यवस्था की सेहत के बारे में जानकारी देती है। आंकड़ों का संग्रह इस्पात मंत्रालय की इकाई ज्वाइंट प्लांट कमेटी (जेपीसी) ने किया है।
भारत ने पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान 3.63 करोड़ टन की खपत की थी। इस्पात खपत के मामले में भारत दुनिया में चौथे स्थान पर है।
एक विश्लेषक के अनुसार वाहन एवं निर्माण क्षेत्र में खराब स्थिति का असर इस्पात की खपत पर पड़ा है। ये दोनों क्षेत्र सबसे अधिक इस्पात की खपत करते हैं। हालांकि उसने कहा कि मानसून की समाप्ति के साथ आने वाले समय में मांग अच्छी रहने की उम्मीद है।
इस बीच, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान इस्पात का आयात 25.2 प्रतिशत घटकर 29 लाख टन रहा जो एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में 39 लाख टन था। आलोच्य अवधि में निर्यात 0.4 प्रतिशत घटकर 23 लाख टन था।
जेपीसी के आंकड़ों के अनुसार कुल उत्पादन हालांकि अप्रैल-सितंबर में 6.2 प्रतिशत बढ़कर 4.03 करोड़ टन रहा। इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 3.8 करोड़ टन था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 16, 2013, 15:12