Last Updated: Friday, November 29, 2013, 16:13
नई दिल्ली : भारत में आम चुनाव के बाद आने वाली सरकार के लिये आपूर्ति पक्ष के सुधारों को आगे बढ़ाना काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इन्हीं सुधारों से भारत के भविष्य का आर्थिक परिदृश्य स्पष्ट होगा। फ्रांस के एक प्रमुख बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है।
फ्रांस के प्रमुख बैंक सोसिएटे जेनरेल ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘1991 में शुरू हुआ आर्थिक सुधार अब वृद्धि के लिए उत्प्रेरक का काम नहीं कर सकता। देश में अब अगले दौर के सुधारों को आगे बढ़ाने की जरूरत है ताकि वृद्धि को प्रभावित करने वाली ढांचागत दिक्कतों को दूर किया जा सके।’ भारत में आपूर्ति से जुड़ी जिन समस्याओं पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है उनमें बिजली की आपूर्ति बढ़ाना व विद्युत शुल्कों को तर्कसंगत बनाना, प्राकृतिक संसाधन का बेहतर उपयोग, प्रशासनिक प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करना, राजकोषीय पुनर्गठन और निवेश को बढ़ावा देने के लिये नीतिगत अनिश्चतता को दूर करना प्रमुख है।
वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी के मुताबिक प्राकृतिक संसाधन के अधिकारों की वितरण प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और नीतिगत शिथिलता, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये ऐसे समय में बाधा बनकर खड़ी है जब आपूर्ति पक्ष की बढ़ती दिक्कतें तीव्र वृद्धि के रास्ते में अड़चन खड़ी कर रही हैं। इस स्थिति के परिणामस्वरूप भारतीय रिजर्व बैंक को वृद्धि, मुद्रास्फीति और रुपए में गिरावट को रोकने के लिए संतुलन की नीति अपनानी पड़ रही है। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 29, 2013, 16:13