Last Updated: Wednesday, June 4, 2014, 16:30
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : सुब्रत राय को घर में नजरबंद रखने की सहारा की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बार फिर खारिज कर दिया। सहारा प्रमुख को अभी जेल में ही रहना होगा।
सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय अभी जेल में बने रहेंगे, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने आज (बुधवार) सहारा समूह की चल-अचल संपत्तियों को बेचने पर लगाई गई रोक हटा ली। कोर्ट ने सहारा समूह की संपत्तियों को बेचने पर लगा प्रतिबंध इसलिए हटाया, ताकि समूह उन्हें बेचकर अपने निवेशकों को 10,000 करोड़ रुपए लौटा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने इसी वर्ष 26 मार्च को कहा था कि सहारा समूह निवेशकों द्वारा समूह की दो कंपनियों -सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईसीएल) और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल)- में किए गए 24,000 करोड़ रुपए के निवेश के एक हिस्से के रूप में 10,000 करोड़ रुपए जमा करेगा, उसके बाद ही सुब्रत रॉय और समूह के दो निदेशकों को रिहा किया जाएगा। रॉय और दो अन्य निदेशक 4 मार्च से ही न्यायिक हिरासत में हैं।
न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी की पीठ ने सहारा समूह को अपनी सावधि जमा, बाण्ड एवं प्रतिभूतियों को भुनाने की अनुमति दे दी और इस तरह इकट्ठा राशि को सेबी द्वारा खोले गए खाते में जमा करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने सहारा समूह को नौ शहरों में स्थित अपनी संपत्तियों को भी बेचने की अनुमति दे दी, ताकि समूह सेबी के पास जमा कराने के लिए आवश्यक 5,000 करोड़ रुपये की राशि का भी प्रबंध कर सके।
कोर्ट ने बैंक गारंटी के रूप में 5,000 करोड़ रुपये एकत्रित करने के लिए सहारा समूह को अपनी एम्बी वैली वाली संपत्ति को गिरवी रखने की अनुमति भी दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 31 अगस्त, 2012 को दिए अपने आदेश में सहारा समूह को इसके निवेशकों की 24,000 करोड़ रुपए की राशि लौटाने के लिए कहा था।
सहारा समूह ने अपनी दो कंपनियों 'सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड' और 'सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड' के जरिए पूरी तरह परिवर्तनीय ऋण पत्रों के माध्यम से ये निवेश प्राप्त किए थे।
First Published: Wednesday, June 4, 2014, 14:36